शिक्षा विभाग आयुक्त को लिखा पत्र
चालू वर्ष में 526 छात्रों ने लिया प्रवेश
बेलगावी. राज्य के 11 जिलों में सांध्य (इवनिंग) कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले छात्रों ने छात्रावास और छात्रवृत्ति सुविधा की मांग की है। रोजगार के साथ-साथ डिग्री शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुकों की सुविधा के लिए सरकार की ओर से शुरू किए गए कॉलेजों में बी.कॉम और बीसीए प्रथम वर्ष पाठ्यक्रमों (कोर्स) के लिए चालू वर्ष में 526 छात्रों ने प्रवेश प्राप्त किया है। इनमें रोजगार के साथ पढ़ाई करने वालों (वर्क-स्टडी) के अलावा अन्य छात्र भी हैं। उन्हें छात्रावास की आवश्यकता है, दावणगेरे जिला सहित विभिन्न जिलों में मांग व्यक्त की गई है।

आयुक्त को पत्र में ये लिखा

दावणगेरे के ईवनिंग कॉलेज के प्राचार्य सीके कोट्रेप्पा का कहना है कि कॉलेज में 194 छात्र बीकॉम और बीसीए की पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब परिवारों से ही हैं। कोई नौकरी न होने के बावजूद उन्हें कॉलेज में दाखिला मिल गया है। अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को आवास और छात्रवृत्ति की सुविधा प्रदान करने की जरूरत है। अधिकांश सरकारी प्रथम श्रेणी महाविद्यालयों में बीसीए पाठ्यक्रम उपलब्ध नहीं है। निजी कॉलेजों में फीस अधिक होने के कारण हमारे यहां नियमित (रेगुलर) विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है। नियमों में ढील देकर छात्रावास तथा छात्र वजीफे की सुविधा दी जाए तो उनकी पढ़ाई में सुविधा होगी। इसके चलते कोट्रेप्पा ने 7 नवंबर को कॉलेज एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के आयुक्त को पत्र लिखा है।

कहां कितने छात्र?

चालू वर्ष 2023-24 में प्रदेश के 11 सांध्यकालीन महाविद्यालयों में कुल 526 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है। बेंगलूरु कॉलेज में 165, तुमकुर में 130, दावणगेरे में 103, विजयपुर में 54, मैसूर में 35, शिवमोग्गा में 25, मेंगलूरु में 12, बल्लारी में दो छात्र हैं। बेलगावी, धारवाड़ और कलबुर्गी में किसी ने भी प्रवेश प्राप्स नहीं किया है।

सुविधा होगी

हमारे कॉलेज में सामान्य छात्रों के साथ-साथ कामकाजी शिक्षार्थियों ने शाम को कॉलेज में प्रवेश हासिल किया है। उन्हें छात्रावास की सुविधा प्रदान की जाए तो यह सुविधा होगी।
बी. चन्द्रशेखर, प्राचार्य, सरकारी आर.सी. कॉलेज, बेंगलूरु

कार्रवाई की जाएगी

शाम के कॉलेजों में सामान्य छात्रों के प्रवेश के लिए अपनाए जाने वाले मानदंडों के बारे में जानकारी एकत्रित की जाएगी। इसके बाद छात्रावास को लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जी.जगदीश, आयुक्त, कॉलेज और तकनीकी शिक्षा विभाग, बेंगलूरु

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