
धारवाड़ तालुक के कुरुबगट्टी ग्रामीणों ने लिया निर्णय
राजनीति को त्योहार से दूर रखने का संकल्प
राजनेता 4 मई तक शहर नहीं आ सकते, वोट भी नहीं मांग सकते
हुब्बल्ली. ग्रामदेवी जात्रा को इक_ा मनाने का संकल्प लेने वाले ग्रामीणों ने इस उत्सव के लिए राजनीति कहीं बाधा न बन जाए इस कारण अब गांव में चुनाव प्रचार को ही प्रतिबंधित किया है! इसके चलते 4 मई तक कोई भी राजनेता इस गांव में प्रवेश नहीं कर सकता है। आ भी जाए तो वोट नहीं मांग सकते!
जी हां, धारवाड़ तालुक के कुरुबगट्टी गांव के लोगों ने ऐसा कड़ा फैसला लिया है और 24 अप्रेल से 4 मई तक चुनावी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। मेले के निमंत्रण पत्र में ही चुनाव प्रचार प्रतिबंधित है दर्ज किया गया है। इस कारण इस गांव में कोई भी प्रचार करने नहीं जा रहा है।
23 साल बाद मेला
ग्रामीण रुद्रप्पा अरवालद ने बताया कि 23 साल बाद गांव में करियम्मादेवी मेला लग रहा है। मेले के अवसर पर 9 दिनों तक देवी की शोभायात्रा, भंडार उत्सव, गोदभराई कार्यक्रम, देवी पारायण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। गांव में कांग्रेस, भाजपा, जेडीएस समेत तमाम पार्टियों के कार्यकर्ता और नेता हैं। यहां राजनीति घुसी तो गांव की एकता टूट जाएगी इसलिए गांव के बुजुर्गों ने यह फैसला लिया है।
9 दिन न खेती का काम, न घर में खाना बनाने का काम!
कुरुबगट्टी गांव में 1,980 मतदाता हैं। गांव में भी यह निर्देश दिए गए हैं कि इस मेले के खत्म होने तक चुनाव प्रचार न किया जाए। यानी 9 दिनों तक गांव में धार्मिक आयोजनों और समारोहों के अलावा कुछ भी नहीं होगा। 9 दिनों तक कृषि कार्य वर्जित रहेगा और घर में कोई भी खाना नहीं बनाएगा। मंदिर के पास सभी के लिए सुबह का नाश्ता, दोपहर और रात के प्रसाद की व्यवस्था की गई है।
राजनेताओं से भी कोई चंदा नहीं
मेलों और त्योहारों होते ही राजनेताओं से चंदा प्राप्त करना आम बात है परन्तु कुरुबगट्टी ग्रामदेवी जात्रा के लिए किसी भी राजनेता से कोई चंदा नहीं लिया है। महोत्सव का खर्चा ग्रामीण खुद उठा रहे हैं।
चप्पल नहीं पहन सकते
9 दिन तक कोई भी चप्पल पहनकर गांव में नहीं चल सकता। इतना ही नहीं ग्रामीणों ने अनुरोध किया है कि दूसरे गांव से आने वालों को भी गांव की सीमा पर ही चप्पल छोडक़र आना चाहिए।
तीन दिन से कोई भी प्रचार करने नहीं आया
सन् 2000 में हमारे गांव की करियम्मा देवी मेला लगा था। अब मेले का आयोजन इस वर्ष 25 अप्रेल से 3 मई तक धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ किया जा रहा है। इस मौके पर लोगों में राजनीति न घुलने देने की मंशा से गांव में 3 मई तक चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी गई है। इस खबर के हर जगह फैलते ही तीन दिन से कोई भी प्रचार करने नहीं आया।
–अर्जुन जंगली, ग्रामीण, कुरुबगट्टी