अनिवार्य स्थानांतरण नीति
उत्तर कर्नाटक छोड़ कर बेंगलूरु में शिफ्ट
स्थायी व्याख्याता पद रिक्त
बेंगलूरु के आसपास के जिलों के कॉलेजों का चयन
उत्तर कर्नाटक के कॉलेजों की सीटें खाली
हुब्बल्ली
. कॉलेज शिक्षा विभाग के सरकारी प्रथम श्रेणी कॉलेजों के व्याख्याताओं के अनिवार्य स्थानांतरण के कारण उत्तर कर्नाटक के कॉलेज व्याख्याताओं के बिना खाली पड़े हैं।
एक ही महाविद्यालय में लम्बे समय से कार्यरत व्याख्याताओं के स्थानान्तरण के उद्देश्य से विगत वर्ष से काउन्सलिंग के जरिए अनिवार्य स्थानान्तरण किया जा रहा है परन्तु उत्तर कर्नाटक के कॉलेजों से स्थानांतरित किए जा रहे सभी व्याख्याता बेंगलूरु के आसपास के जिलों के कॉलेजों में शामिल हो रहे हैं। कोई भी उत्तर कर्नाटक के कॉलेजों को नहीं चुन रहे हैं।
इससे उत्तर कर्नाटक के सरकारी प्रथम श्रेणी महाविद्यालयों में स्थानान्तरण के कारण रिक्त हुए व्याख्याताओं के पद भर्ती नहीं होकर रिक्त रह रहे हैं। ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है कि प्रत्येक महाविद्यालय में एक स्थायी व्याख्याता दो या तीन विभागों (एचओडी) का प्रभारी है। कर्नाटक के उत्तर कन्नड़, बेलगावी, गदग, हावेरी, बागलकोट, विजयपुर इस प्रकार कित्तूर कर्नाटक के जिलों में इस समस्या का कोई समाधान ही दिखाई नहीं दे रहा है।
विभाग प्रबंधन के लिए स्थायी व्याख्याताओं की कमी
प्रदेश में करीब 1750 व्याख्याताओं की भर्ती आखिरी बार 2017 में हुई थी। बेंगलूरु के आसपास के जिलों से ही अधिक उम्मीदवार थे। इसलिए अब बेंगलूरु के आसपास के कॉलेजों में स्थायी व्याख्याताओं के पद अनिवार्य स्थानांतरण से भरे जा रहे हैं और उत्तर कर्नाटक के कॉलेजों के पद खाली हो रहे हैं। अतिथि व्याख्याता होने के बाद भी विभाग के प्रबंधन के लिए स्थायी व्याख्याताओं की कमी है।
कारवार प्रथम श्रेणी महाविद्यालय में स्वीकृत 48 पदों में से 22 व्याख्याता थे। पिछले अप्रेल में एक साथ 12 व्याख्याताओं का तबादला हो गया। अब तीन और तबादला सूची में हैं। रिक्त पद पर मात्र चार व्याख्याताओं आए हैं। बागलकोट जिले के रबाकवि प्रथम श्रेणी कॉलेज में सात विभागों के लिए चार स्थायी व्याख्याता थे। इनमें से एक को तबादला सूची में शामिल किया गया है।

अतिथि व्याख्याताओं के निर्भर रहने की स्थिति
एक प्राचार्य ने कहा कि स्थानांतरण एक अच्छा निर्णय है परन्तु खुले अवसर के कारण सभी स्थाई व्याख्याता कुछ ही जिलों में ज्वाइन कर रहे हैं। उत्तर कर्नाटक के कॉलेजों में एक साल से अनिवार्य स्थानांतरण के बावजूद कोई नहीं आ रहा है। इससे प्रशासन और प्रबंधन के लिए अतिथि व्याख्याताओं के निर्भर रहने की स्थिति बन रही है।
भर्ती होने पर भी खाली
कुछ व्याख्याताओं का कहना है कि प्रदेश के 430 प्रथम श्रेणी महाविद्यालयों में स्थायी व्याख्याताओं के लगभग 7500 पद स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से फिलहाल 6250 व्याख्याता ड्यूटी पर हैं। राज्य सरकार ने जनवरी में व्याख्याताओं के 1242 नए पद भरने की घोषणा की है। इसके बाद भी पद खाली रहेंगे। प्रदेश में वर्तमान में 12 हजार अतिथि व्याख्याता कार्यरत हैं। नए व्याख्याताओं की नियुक्ति होने के बाद भी उत्तर कर्नाटक के कॉलेजों में नियुक्त व्याख्याताओं को प्रतिनियुक्ति के आधार पर अपने जिलों में जाने का मौका दिया जाता है। इसलिए शिक्षकों के ट्रांसफर मॉडल पर जिला स्तर पर रिक्त पदों को भरने के बाद ही उन्हें दूसरे जिले में जाने का मौका देना चाहिए।

इतनी कम पोस्ट काफी नहीं
तबादला होने वाले व्याख्याता उत्तर कर्नाटक के कॉलेजों का चयन नहीं कर रहे हैं। इसके चलते उस हिस्से में पद खाली रह गए हैं। यह समस्या पूर्व से चली आ रही है। जनवरी में 1242 नए व्याख्याताओं की भर्ती की जाएगी परन्तु इतनी कम पोस्ट काफी नहीं हैं।
पी.एम.मंजुनाथ, प्रदेश अध्यक्ष, कर्नाटक सरकारी कॉलेज शिक्षक एसोसिएशन

आंकडे
-कर्नाटक में सरकारी प्रथम श्रेणी के कॉलेज- 430
-उत्तर कर्नाटक में सरकारी कॉलेज- 178
-प्रदेश में अतिथि व्याख्याता- 12 हजार से अधिक

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