के-सेट के लिए सिर्फ में बेंगलूरु में है परीक्षा केंद्र
हुब्बल्ली. कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण संगीत, जनसंचार एव पत्रकारिता सहित विभिन्न विषयों के लिए कर्नाटक राज्य पात्रता परीक्षा (के-सेट) को केवल बेंगलूरु में आयोजित कर रहा है। इस हिस्से में परीक्षा केंद्र के नहीं होने से कलबुर्गी और धारवाड़ संभागों के विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों सहित के-सेट उम्मीदवारों में अधिक असंतोष है। कलबुर्गी में गुलबर्गा विश्व विद्यालय, केंद्रीय विश्व विद्यालय, शरणबसव विश्व विद्यालय, ख्वाजा बंदा नवाज विश्व विद्यालय हैं। विजयपुर में अक्कमहादेवी महिला विश्व विद्यालय, बल्लारी में श्रीकृष्ण देवराय विश्वविद्यालय, बेलगावी में रानी चन्नम्मा विश्व विद्यालय, धारवाड़ में कर्नाटक विश्व विद्यालय, हुब्बल्ली में विधि विश्व विद्यालय, हावेरी के पास गोटगोडी में जानपद विश्वविद्यालय सहित विभिन्न स्थानों पर स्नातकोत्तर केन्द्रों के होने के बाद भी कोई परीक्षा नहीं है। हर साल भूगोल, पत्रकारिता, संगीत, पर्यटन, दृश्य कला, कानून सहित 23 विषयों के हजारों छात्र बल्लारी, कलबुर्गी, विजयपुर और धारवाड़ के विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण होते हैं परन्तु इनमें से किसी भी विषय को केईए परीक्षा केंद्र के लिए शुमार नहीं किया है।

सरकारी संस्था के लिए संभव क्यों नहीं

एक प्राध्यापक का सवाल है कि पूर्व में मैसूर विश्वविद्यालय की ओर से के-सेट परीक्षा आयोजित की गई थी, तब राज्य के सभी संभागों में परीक्षा केंद्र बनाए थे। एक विश्वविद्यालय के लिए यह संभव है, तो सरकारी संस्था के लिए संभव क्यों नहीं हो रहा।

अगले वर्ष परीक्षा केंद्र उपलब्ध कराएं

अभ्यर्थी और प्राध्यापकों ने मांग की है कि परीक्षा में अभी कुछ दिन बाकी हैं, इसलिए धारवाड़ और कलबुर्गी में केंद्र देने चाहिए। यदि यह अभी संभव नहीं है तो कम से कम अगले वर्ष परीक्षा केंद्र उपलब्ध कराना ही चाहिए।

मेरे विषय का परीक्षा केंद्र बेंगलूरु में मात्र होने से मैं असमंजस में हूं कि इस साल परीक्षा दूं या नहीं। हमारा हिस्सा पहले से ही अकादमिक रूप से पिछड़ा है। अधिकारियों के ऐसे फैसलों के कारण, और पिछड़ रहा है।

बीरन्ना, स्नातकोत्तर

परीक्षा लिखने के लिए बेंगलूरु जाना समय और पैसे की बर्बादी है। हमारे क्षेत्र में ही परीक्षा केंद्र बनाने पर सभी छात्रों को सुविधा होगी।

एम. सी. डोले, अभ्यर्थी, दृश्य कला विभाग

हमारे क्षेत्र के छात्रों के लिए बेंगलूरु आना-जाना बोझिल होगा। धारवाड़ में एक परीक्षा केंद्र स्थापित करना चाहिए।

प्रो. जे.एम. चंदुनवर, प्रमुख, पत्रकारिता विभाग, कर्नाटक विश्वविद्यालय, धारवाड़

पिछले तीन के-सेट के आंकड़ों को देखने के बाद एक निर्णय लिया है। पांच हजार से ज्यादा आवेदन आने पर हम उस हिस्से में भी परीक्षा केंद्र बनाएंगे।

-एस रम्या, कार्यकारी निदेशक, कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण

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