विकास कार्य अवरुद्ध: 5 गारंटी योजना के लिए इस्तेमाल करने का संदेह
दावणगेरे. एक ओर, अनुसूचित जाति उप-योजना, आदिवासी उप-(एससीपी, टीएसपी) योजना के तहत स्वीकृत अनुदान पर्याप्त उपयोग के बिना वापस चला गया है, तो दूसरी ओर, कई विभागों को 2023-24 के कार्यों के लिए कोई अनुदान जारी नहीं किया गया है।

महानगर निगम, हथकरघा एवं कपड़ा विभाग, कृषि, लघु सिंचाई, सहकारी संघ विभाग, पर्यटन विभाग, पीयू शिक्षा, कन्नड़ एवं संस्कृति, पशुपालन, बागवानी, राजस्व, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग और बेस्कॉम, केएसआरटीसी, दावणगेरे विश्वविद्यालय को अनुदान जारी नहीं किया गया है।

विकास कार्य ठप

वासु ने आरोप लगाया कि पिछले जुलाई में राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की उपयोजनाओं के लिए 34,293 करोड़ रुपए अनुदान आरक्षित करने को लेकर धारा 7(डी) के जरिए अन्य योजनाओं में स्थानांतरित करने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से किए गए संशोधन को रद्द करना स्वागत योग्य कदम है परन्तु अनुदान जारी किए बिना अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वाले गांवों और कॉलोनियों में सडक़ों, नालियों और शौचालयों का निर्माण नहीं किया गया है। यहां विकास कार्य ठप पड़े हैं।

निविदा आमंत्रित नहीं की

नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर एक ठेकेदार ने बताया कि महानगर निगम को अनुदान मिलने पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए कॉलोनियों के कार्य की खातिर निविदाएं बुलाई जाती हैं परन्तु इस बार निविदा आमंत्रित नहीं की है।

ठेकेदारों पर भी पड़ी मार
आवरगेरे वासु ने बताया कि अनुसूचित जाति उपयोजना एवं जनजातीय उपयोजना का अनुदान जारी नहीं होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में सडक़, नाली एवं शौचालय का निर्माण नहीं हो पा रहा है। इसकी मार एससी एसटी ठेकेदारों पर भी पड़ी है। एक हाथ दिया और दूसरा हाथ छीन लिया।

राज्य क्षेत्र में आवंटित नहीं हुआ

राज्य क्षेत्र के कार्यक्रमों से विभागों को आवंटित होने पर अनुदान जारी होता। कुछ परियोजनाओं के लिए निर्धारित अनुदान मार्च के अंत तक खर्च नहीं करने पर वापस चला जाता है।

516 करोड़ रुपए निर्धारित

विभाग के आंकड़े कहते हैं वर्ष 2023-24 के लिए विभिन्न विभागों की विशेष इकाई योजना और दावणगेरे जिले के लिए आदिवासी उप-योजना के तहत अगस्त के अंत तक 516 करोड़ रुपए तय हुआ था। इस में 203 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं, 115 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।

विकास कार्य अवरुद्ध

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिकार संघर्ष समिति के राज्य संचालक अवरगेरे वासु ने शिकायत की कि राज्य में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिए निर्धारित अनुदान में 11,000 करोड़ रुपए को सरकार की 5 गारंटी योजना के लिए इस्तेमाल करने का संदेह है। विकास कार्य अवरुद्ध हो गए हैं।

अगामी मार्च तक जारी किया जाएगा

कुछ लेखा प्रमुखों का अनुदान धीरे-धीरे खर्च कर सकते हैं। कुछ अक्टूबर, नवंबर तक आते हैं। कुछ विभागों में राज्य क्षेत्र के कार्यक्रम नहीं होने पर अनुदान जारी नहीं किया जाता है। लाभार्थियों की सूची देखकर इसे अगामी मार्च तक जारी किया जाएगा।
के नागराज, उप निदेशक, जिला समाज कल्याण विभाग

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