
शीघ्र जारी होंगे दिशा निर्देश : अब छात्रों भटकना नहीं पड़ेगा
पूर्व की भांति ही सेवा सिंधु पोर्टल पर करना होगा आवेदन
कागज पर खर्च में होगी करोड़ों रुपए की बचत
हुब्बल्ली. स्कूल और कॉलेज के छात्रों को अब बस पास के लिए परिवहन निगम के दफ्तर के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। पास के लिए जरूरी दस्तावेजों की कॉपी भी परिवहन निगम को नहीं देनी है। ऑनलाइन ही आवेदन सौपकर वहीं से बस पास प्राप्त करना होगा।
परिवहन निगम के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर-पश्चिम कर्नाटक राज्य सडक़ परिवहन निगम (एनडब्ल्यूकेआरटीसी) ने अपने कार्य क्षेत्र में बस पास प्रणाली को पूरी तरह से ऑनलाइन करने का फैसला किया है। यह परियोजना ज्यादातर प्रायोगिक चरण में है और इसके जल्द क्रियान्वयन की तैयारी की जा रही है। इस प्रणाली के लागू होने के चलते उत्तर-पश्चिम कर्नाटक सडक़ परिवहन निगम ने पहले ही छात्रों को पांच जून तक अपना पुराना बस पास या शुल्क भुगतान रसीद दिखाकर यात्रा करने की अनुमति दे दी है।
ऑनलाइन सिस्टम कैसा है?
सेवा सिंधु पोर्टल के माध्यम से 2-3 वर्षों से बस पास के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा कर इसकी प्रति प्राप्त की जा रही थी। बाद में आवेदन प्रति पर प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षर सहित आधार कार्ड, शुल्क भुगतान रसीद, फोटो सहित आवश्यक दस्तावेजों को संबंधित स्कूलों और कॉलेजों में निश्चित राशि एकत्रित की जाती थी। उसके बाद, स्कूल के कर्मचारी परिवहन निगम के पास काउंटर पर छात्र के दस्तावेज और पैसे जमा कर, पास कार्ड पर फोटो संलग्न कर छात्रों की जानकारी भरकर देते थे। अब यह परेशामी नहीं रहेगी।
दूरी के हिसाब से शुल्क निर्धारित
पहले की तरह सेवा सिंधु पोर्टल के जरिए आवेदन सौंपना चाहिए। साथ ही पास के लिए निर्धारित दस्तावेज अपलोड करना चाहिए। इसके संबंध में आधार कार्ड में स्थित मोबाइल फोन पर एक स्विकृति/लेनदेन नंबर आएगा। यह अनिवार्य तौर पर हिफाजत से संभालकर रखना चाहिए। परिवहन निगन की ओर से इस्तेमाल किया जाने वाला ईडीसीएस (इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी ऑफ सिटीजन सर्विस) सॉफ्टवेयर छात्रों की ओर से जमा किए गए आवेदन और दस्तावेजों की पुष्टि कर परिवहन की दूरी के हिसाब से शुल्क निर्धारित करता है।
विभिन्न मॉडलों का प्रयोग
एक अधिकारी ने कहा कि सौंपे गए आवेदन का निर्धारित अवधि के भीतर निपटान के लिए इस सॉफ्टवेयर को सकला योजना से जुड़ा जाएगा। पास शुल्क को नकद या यूपीआई आईडी, डेबिट कार्ड के जरिए स्वीकार करने का उद्देश्य है, विभिन्न मॉडलों का प्रयोग किया जा रहा है।
अपग्रेड करने की प्रक्रिया चल रही है
परिवहन कर्मचारियों की ओर से इनके अनुमोदित करने के बाद, नामित आवेदकों के लिए पास तैयार हो जाएगा। इसके बाद विशिष्ट केंद्र (आवेदक की ओर से उल्लिखित स्थान) पर पास प्राप्त करने के लिए फिर से मोबाइल पर एक संदेश भेजा जाएगा। उसके आधार पर खास जगह पर पैसे देकर पास प्राप्त कर सकते हैं। बसपास ऑनलाइन सिस्टम पहले से ही लागू है। इसे और अपग्रेड करने की प्रक्रिया चल रही है। आवेदन जमा करने के दिशा-निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे। छात्रों को उसी हिसाब से आवेदन करना होगा।
–भरत एस., प्रबंध निदेशक, उत्तर-पश्चिम कर्नाटक राज्य सडक़ परिवहन निगम
कागज खरीद लागत में बचत
ऑनलाइन प्रणाली से राज्य परिवहन निगम को करोड़ों रुपए लागत के कागज खरीदने का खर्च बचेगा। इसी तरह छात्रों की ओर से जमा किए जाने वाले दस्तावेजों के पेपर भी बचेंगे। इससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी।
–रामनगौडर, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर-पश्चिम कर्नाटक राज्य सडक परिवहन निगम