
नई सरकार के सामने हैं कई चुनौतियां
बेलगावी सुवर्णसौधा में अधिक कार्यालयों को स्थानांतरित करना है
हुब्बल्ली. धारवाड़ जिला समेत उत्तर कर्नाटक में कई जरूरतों और चाहतों पर लोगों की नजर बनी हुई है। हुब्बल्ली, धारवाड़, गदग, बागलकोट, बेलगावी, उत्तर कर्नाटक की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक, कलसा बंडूरी और महदायी परियोजना को क्या अब तो शुरू किया जाएगा, यह सवाल किया जा रहा है। किसानों की जान लेने वाले बेण्णीहल्ला-तुप्परीहल्ला की समस्याओं का क्या समाधान किया जाएगा? बेलगावी सुवर्णसौधा में क्या और कार्यालय स्थानांतरित किए जाएंगे? इन सवालों को लेकर जनता नए मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या के नेतृत्व वाली सरकार की ओर देख रही है।
पिछले चार-पांच साल से आंदोलन कर रहे किसान और लोगों के आक्रोशित होने की संभावना से इंकार नहीं कर सकते। इसके लिए मौका नहीं देते हुए कांग्रेस को वादा पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए।
बेण्णीहल्ला-तुप्परीहल्ला समस्याओं का समाधान.?
धारवाड़ और गदग जिलों में हर साल बेण्णीहल्ला और तुप्परीहल्ला में बाढ़ आती है। गर्मियों में खेतों की तरह दिखने वाली यह दो नहरें बरसात का मौसम आने पर उग्र रूप धारणकर लोगों और मवेशियों को झकझोर देती हैं। इसमें तुप्परीहल्ला के स्थायी समाधान के लिए भाजपा सरकार ने 312 करोड़ रुपए की योजना तैयार कर, कार्य का आगाज किया है।
हालांकि यह काम तेजी से होना चाहिए। बेनीहल्ला के लिए 1300 करोड़ की योजना तैयार की गई है। हालांकि, अभी तक सरकार से कोई मंजूरी नहीं मिली है। उसे भी मंजूरी देकर अमल में लाने की जरूरत है। लोगों की मांग है कि कांग्रेस को यह काम करना चाहिए।
सुवर्णसौधा में अधिक कार्यालयों के स्थानांतरण की मांग
क्षेत्रीय असंतोष की आवाज को छिपाने के लिए कुछ राज्य स्तरीय कार्यालयों को बेलगावी सुवर्णसौधा में स्थानांतरित करने की मांग कई वर्षों से की जा रही है परन्तु जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने मंत्रिमंडल (कैबिनेट) में फैसला लिया था परन्तु आरोप है कि अधिकारी वर्ग सरकार को गुमराह कर इस पर अमल नहीं होने दिया।
तब मौजूदा विधान परिषद के सभापति बसवराज होरट्टी ने भी खुलकर नाराजगी जताई थी। ऐसी कोई बात नहीं है कि कोई कार्यालय स्थानांतरित नहीं किया गया है। कुछ कार्यालयों को स्थानांतरित किया गया है परन्तु वे कार्यालय नाम मात्र के रह गए हैं।
लोगों की मांग है कि इस भाग के विकास के लिए पूरक कार्यालयों को यहां स्थानांतरित करना चाहएि। कांग्रेस सरकार को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। कुल मिलाकर उत्तर कर्नाटक के लोगों को नई सरकार से काफी उम्मीदें हैं। हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि नई सरकार इनपर कैसे प्रतिक्रिया व्यक्त करेगी।