
दपरे महाप्रबंधक संजीव किशोर ने कहा
नवीनीकृत स्थानक भवन का उद्घाटन
हुब्बल्ली. दक्षिण पश्चिम रेलवे महाप्रबंधक संजीव किशोर ने कहा कि कार्यतन्मयता से करना चाहिए ताकि मानस पर चिन्ह ना लग पाए।
वे गुरुवार को भगवान महावीर जन्म कल्याणक के अवसर पर राष्ट्रसंत नरेशमुनि आदि ठाणा एवं साधु-साध्विीयों के सान्निध्य में श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ की ओर से आयोजित नवीनीकृत स्थानक भवन का उद्घाटन कर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि वे एक अभियंता हैं, जो भी सोचते हैं तकनीक के जरिए ही सोचते हैं। हर चीज तकनीक से ओतप्रोत होती है। आज का दौर तकनीक का दौर है। आज तकनीक बहुत विकसित हुई है। ऐसे दौर में भी जान संतों ने संस्कारों को बनाए रखा है। भगवान महावीर के संदेशों को जन मानस तक पहुंचा रहे हैं। अहिंसा, त्याग की सार्थकता, भगवान महावीर की वाणी से और बढ़ेगी। तकनीक हमें पाश्चात्य संस्कृति की ओर ले जाती है। तकनीक में हम जितना डूबते हैं उतना ही अधिक प्राप्त करते हैं। समाज में तकनीक का सर्थक इस्तेमाल करने से मुनियों तथा भगवान महावीर के संदेश सार्थक बनेंगे। भारतीय रेल भारतीयता और संस्कृति से जुड़ी है।

भगवान महावीर की शिक्षा से होगी देश व समाज की रक्षा
राष्ट्रसंत नरेशमुनि ने कहा कि महावीर के मु?य सिद्धांत अहिंसा है। उनका मानना था कि किसी को भी संसार में किसी के प्रति भी हिंसक होने का कोई अधिकार नहीं है। महात्मा गांधी भी भगवान महावीर के अहिंसा से प्रेरित हुए थे।
भगवान महावीर ने अनेकांतवाद के बारे में बताया, जिसका अर्थ है कि बहुत सारी स?भावनाएं हैं। स?पूर्ण विश्व ही स?भावनाओं से भरा है। सिर्फ एक ही रास्ता नहीं है। इस ज्ञान की आज बहुत आवश्यकता है। अगर लोग यह बात समझ लें तो दुनिया में कोई आतंकवाद और और कट्टरता नहीं होगी। एकांत वाद हिंसा का कारण है। हमें अनेकतावाद को आत्मसात करना चाहिए। जीवन में सकारात्मक सोच रखनी चाहिए। जहां आग्रह है वहां हिंसा है। हमें संककचित विचारधारा को त्यागना चाहिए। अनेकतावाद से समाज, परिवार, देश नहीं टूटेगा। हिंसा का रास्ता एक दूसरे को खत्म करता है। आज हम एक दूसरे के अस्तित्व को खत्म कर रहे हैं। भगवान महावीर की शिक्षा देश और समाज की रक्षा करेगी। आज सिध्दांतवादी, विचारवादी, संस्कारवादी विचारधारा की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि हमारे भीतर दान दया है लेकिन हमें सहना नहीं आया। अंतरात्मा को पवित्र बनाए बिना महावीर जन्म मनाना सार्थक नहीं होता है। जो अनुशासन में रहता है, वही सफल होता है। सभी प्राणियों की रक्षा करना सबका कर्तव्य है। भगवान महावीर की शरण में आने वाले में न तो गलत धारणा पैदा होती है और न ही मन में दुर्बलता आती है। इसलिए भगवान महावीर के बताए मार्ग पर चलकर ही मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है।
जहां प्रकाश है वहां अंधेरा नहीं आता
शालिभद्र मुनि ने कहा कि जहां पर प्रकाश है वहां अंधेरा हीं आता है। हमें क्लेश, द्वेष, दुर्भावना, घृणा को त्यागना चाहिए। बुरी भावनाओं को समाप्त करना चाहिए। आज हमारी संवेदनाएं खतम हो चुकी हैं। हमारे जीवन में संवेदना, प्रेम, आत्मियता होनी चाहिए। दुर्भावना, ईर्षा की भावना होगी तो भगवान को प्राप्त नहीं कर सकते। हमारी सोच व्यापक, विराट, विशाल होनी चाहिए। हमारी सोच छोटी हो गई है। माता-पिता, भाई-बहन के साथ गाठ लगा रखी है। हममें धन्यवाद का भाव आना चाहिए। हमारा अधिकतर समय प्रतिष्ठा बढ़ाने, फिजुल की बातें करने में ही चला जाता है। हमारे पास आज साधना के लिए समय नहीं है। जीवन साधना से बढ़ेगा। जीवन मूल्यवान है, इसके महत्व को समझना चाहिए। मानव जन्म को सार्थक बनाना चाहिए। समय का सदुपयोग करना चाहिए। सभी के प्रति आत्मियता और प्रेम की भावना रखनी चाहिए। तभी मोक्ष की प्राप्ति होगी।
साध्वी रिजू प्रज्ञा ने भगवान महावीर जन्म कल्याणक के महत्व के बारे में बताया। साध्वी समृध्दिश्री ने सुमधुर गीतिका प्रस्तुत की।
समारोह के भोजन के लाभार्थी मुथा वाघमल भुराजी परिवार तथा नवीनीकृत भवन के आर्किटेक्ट मेहरवाडे बंधुओ का संघ के पदाधिकारियों की ओर से स?मान किया गया।
कार्यक्रम में दपरे अधिकारी अजय मिश्रा, श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के कार्याध्यक्ष अशोक कोठारी, उपाध्यक्ष जवेरीलाल विनायकिया, बाबुलाल पारेख, अशोक कानुंगा, उकचंद बाफणा, कांतिलाल बोहरा, शांतिलाल खिवेसरा, गौतमचंद भूरट, सोहनलाल साकरिया, गौतमचंद गोलेच्छा, दलीचंद बागरेचा, मगराज भलगट, मदनलाल तातेड, पवन रांका, घीसुलाल कटारिया, हीराचंद तातेड, अमृतलाल छाजेड़, महेंद्र चोपड़ा, प्रकाश बाफणा, दलीचंद बागरेचा, महेंद्र विनायकिया, चंद्रकुमार कांकरिया, राजेश बोहरा, सुभाषचंद्र डंक, महावीर कवाड, पुखराज कोठारी, संतोष भलगट, संदीप बागरेचा, रमेश बाफना, बाबुलाल पालगोता, कमलेश बागलेचा, गौतम बाफणा, श्रीवर्धमान जैन युवक मंडल, श्री नवकार नवयुवक मंडल, श्री गुरु पुष्कर जैन मित्र मंडल, श्री कौशल्या सासू मंडल, श्री चंदनबाला बहु मंडल, श्री सिध्दि बहु मंडल, श्री संस्कृति कन्या मंडल के पदाधिकारी व सदस्य समेत बड़ी सं?या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन महासचिव मुकेश भंडारी एवं पूर्व सहसचिव प्रकाश कटारिया ने किया। पूर्व अध्यक्ष महेन्द्र सिंघी ने अतिथियों का परिचय एवं स्वागत किया।