उडुपी.
शिरवा के पास पिलारूकान अभ्यारण्य का वातावरण और सूड गांव में जंगली भैंसों का उत्पात विपरित होने से ग्रामीण डर के साए में दिन गुजार रहे हैं।

जंगली भैंसे दिन-रात जंगल के किनारे कृषि भूमि में झुंड में प्रवेश करते हैं और सुपारी, धान, केला, शकरकंद सहित विभिन्न प्रकार की फसलों को नष्ट कर रहे हैं। 10-13 भैंसों का झूंड़ डेरा डाले हुए हैं और कृषि को नष्ट कर रहे हैं। कुछ जगहों पर किसानों ने चमेली के पौधों पर लाइट लगाकर रात भर पहरा दे रहे हैं।

जंगली भैंसो के हमले से नष्ट हो रहा धान

पिलारुकान के प्रगतिशील कृषक अरुण डिसूजा ने दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि जंगली भैंसों के हमले से बढ़ता धान नष्ट हो गया है। इससे हाथ आई फसल मुंह तक नहीं आई है।

वन विभाग ने दिए निर्देश

वन अधिकारियों ने लोगों को निर्देश दिया है कि रात के समय संरक्षित क्षेत्र में सडक़ पर गुजरने वाले वाहन चालकों को बिना हॉर्न बजाए मध्यम गति से वाहन चलाना चाहिए। वन क्षेत्र से गुजरने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।

पिलारुकान के श्री महालिंगेश्वर महागणपति मंदिर के आसपास विशाल जंगली भैंसे और भैंसों के बछड़े घूम रहे हैं, मंदिर आने वाले श्रद्धालु भी भयभीत हुए हैं।

जंगली भैंसे ने कार को मारी टक्कर

पिलरुकान के श्री महालिंगेश्वर मंदिर के गेट के पास मंगलवार रात करीब 7.30 बजे एक विशाल जंगली भैंसे ने सडक़ पर जा रही एक कार को टक्कर मार दी। खुशकिस्मती से कार में स्थित चालक समेत सभी यात्री सुरक्षित पार हुए हैं। जिला परिषद की पूर्व उपाध्यक्ष शिरवा की लीना मथायस के बेटे नील क्वाड्रस अपनी पत्नी और बेटे के साथ यात्रा कर रहे थे, इसी दौरान अभयारण्य से सडक़ पार करने की कोशिश कर रहा जंगली भैंसा कार को टक्कर मारकर वापस भाग गया। कार क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें सवार लोग बाल-बाल बच गए।

मुआवजा दिलाने का प्रयास

पिलारुकान अभ्यारण्य क्षेत्र में जंगली जानवरों के खतरे से बचने के लिए करीब 45 लाख रुपए की लागत से तार की बाड़ का निर्माण किया जा रहा है। विभाग की ओर से जंगली भैंसे की टक्कर में क्षतिग्रस्त कार का मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा।

जीवनदास शेट्टी, अनुमंडल, वन अधिकारी, पडुबिदरी

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