पूर्व सीएम ने भाजपा पर साधा निशाना
हुब्बल्ली.
पूर्व मुख्यमंत्री और हुब्बल्ली-धारवाड़ मध्य क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार जगदीश शेट्टर ने भाजपा में अपना टिकट कटने के लेकर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी. एल. संतोष पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों को चुनाव का कोई अनुभव नहीं है, वे भी यहां के प्रभारी हैं। शेट्टर ने कहा कि यह सब सिर्फ संतोष के करीबी होने के कारण है। प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कटील को कार्यकाल खत्म होने के बाद भी पद पर बरकरार रखा गया है। शेट्टर ने कहा कि राज्य में पार्टी के जमीनी स्तर के हालात से कोई भी वाकिफ नहीं है। पार्टी की स्थिति जानने के लिए पहले राष्ट्रीय नेता घंटों वरिष्ठों के साथ बैठकर चर्चा करते थे। अब ऐसी कोई स्थिति नहीं है।

शेट्टर ने कहा कि पिछले चुनाव में कलघटगी निर्वाचन क्षेत्र के वरिष्ठ नेता सी.एम. निंबन्नवर की जगह महेश टेंगिनकाई को बी-फार्म दिया गया था। बाद में कार्यकर्ताओं के दबाव के आगे पार्टी को झुकना पड़ा और निंबन्नवर को टिकट दे दिया। शेट्टर ने कहा कि जो वहां हुआ था, वहीं हुब्बल्ली-धारवाड़ सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में भी वही होगा। इतिहास खुद को दोहराएगा।

किसी से भी नहीं डरूंगा

शेट्टर ने कहा कि मेरा जीवन एक खुली किताब है। हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति का आदमी नहीं हूं। सब कुछ कानूनी दायरे में किया है। कुछ भी अवैध नहीं किया है। इसलिए, मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो आईटी, ई.डी. से डरता हो।

दिल्ली से आया था फोन

शेट्टर ने कहा कि कुछ दिन पहले, मुझे दिल्ली से एक फोन आया कि आपको इस बार टिकट नहीं दिया जाएगा। आपको एक पत्र भेजा जाएगा जिसमें कहा गया है कि मुझे टिकट नहीं चाहिए, इस पर हस्ताक्षर करें और भेज दें। उन्होंने सोचा था कि वे जो भी करेंगे वही चलेता। इससे तंग आकर मैंने पार्टी छोड़ दी।

शेट्टर की आंखों से निकले आंसूं

रुंधे गले और डबडबाई आंखों के साथळा शेट्टर ने कहा कि पार्टी की वफादारी और ईमानदारी की कोई कीमत नहीं है। कृष्णराजा क्षेत्र में एस.ए. रामदास को टिकट से वंचित किया गया।

भाजपा में रहते हुए पिछले चुनाव में रामदास के खिलाफ काम करने वाले श्रीवत्स को टिकट दिया गया है।

पार्टी से ज्यादा जरूरी हैं संतोष

शेट्टर ने कहा कि उन्होंने टेंगिनकाई समेत राज्य भर में अपने करीबियों को आगे लाने के लिए संतोष की ओर से की जा रही साजिश के बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को बताया, परंतु किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। राज्य में संतोष जरूरी हैं, पार्टी नहीं। शेट्टर ने कहा कि प्रदेश भाजपा पर संतोष और उनके करीबियों का नियंत्रण है। उन्होंने कहा कि संतोष को केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में प्रभारी बनाया गया था, परंतु वहां पार्टी का अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा फिर भी संतोष को कर्नाटक चुनाव की कमान सौंपी गई है। शेट्टर ने पार्टी के सहचुनाव प्रभारी और तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलै को लेकर भी संतोष पर निशाना साधा। अन्नामलै के पहली पंक्ति में बैठने पर पूर्व मुख्यमंत्रियों-मुझे और सदानंद गौड़ा को पिछली पंक्ति में बैठना पड़ता था। राज्य कार्यकारिणी की तिमाही बैठक में बोलने का अवसर नहीं मिलता था।

पिछले तीन साल से मैं पार्टी हित के लिए सब कुछ सहता रहा।

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