हुब्बल्ली. वारणासी की काशी विश्वनाथ मंदिर के समीप स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर ज्ञानवापी मस्जिद के खिलाफ चल रहे षडय़ंत्र को हराएं के नारे के साथ एसडीपीआई कार्यकर्ताओं ने शहर के सीबीटी के पास प्रदर्शन किया।
एसडीपीआई के धारवाड़ जिलाध्यक्ष इरशाद अहमद अत्तार ने कहा कि वारणासी की काशी विश्वनाथ मंदिर के समीप स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने की बात कहकर मस्जिद के एक भाग को बंद करने को कहना उपासना स्थल अधिनियम 1991 का उल्लंघन है। ज्ञानवापी मस्जिद इंडो-इस्लामिक शैली में है। इसके चलते वहां के कुछ भाग हिन्दू मंदिर की शैली में है परन्तु इसी को आगे रखकर मस्जिद को ही हथियाने की साजिश की जा रही है।
कानून कहता है सिकी भी धार्मिक संप्रदाय की जगह को दूसरे संप्रदाय में शामिल नहीं करना चाहिए। उपासना स्थलों के स्वरूप को आजादी के बाद ऐसे ही जारी रखना चाहिए परन्तु आरएसएस के इशारों पर कार्य करने वाली भाजपा सरकार ने मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाकर मस्जिदों को हटाने की साजिश कर रही है। न्याय हमारा मौलिक अधिकार है। उपासना स्थल कानून का सही तौर पर क्रियान्वयन होना चाहिए। हमारा आंदोलन सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ है, किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं।


आरएसएस पर लगाएं प्रतिबंध
अत्तार ने कहा कि मुसलमानों की ओर से निर्मित तथा उनके स्वामित्व में स्थित धार्मिक उपासना स्थलों को नाश करना आरएसएस की कार्यसूची का हिस्सा है। तीन हजार मस्जिदों को तोडऩे की साजिश गठित की है। आरएसएस संगठन को अंग्रेजों ने खड़ा किया, जो सौहर्द के साथ जीवन गुजारने वालों के बीच दरार पैदा कर रहा है। इसके अधीन में स्थित केंद्र तथा प्रदेश भाजपा सरकार घोटालों में ही समय गंवा रही है। घोटालों पर परदा डालने के लिए समरसता को बिगाडऩे की कोशिश की जा रही है। इसके चलते आरएसएस संगठन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
इस अवसर पर आजम पठान, हमीद बंगाली, सद्दाम खान समेत कई उपस्थित थे।

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