
यात्रियों से 2756 और माल ढुलाई से 4696 करोड़ का राजस्व अर्जित किया
हुब्बल्ली. दक्षिण पश्चिम रेलवे (दपरे) ने 2022-23 में 8,071 करोड़ रुपए की आय अर्जित की है। हुब्बल्ली में 2003 में दपरे के शुरू होने के बाद पहली बार आय 8 हजार करोड़ रुपए के आंकड़े को पार किया है।
दक्षिण पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक संजीव किशोर ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि आय में से यात्रियों से 2,756 करोड़ रुपए, माल ढुलाई से 4,696 करोड़ रुपए, विविध स्रोतों से 348 करोड़ रुपए और कोचों के निर्माण सहित अन्य स्रोतों से 271 करोड़ रुपए एकत्र किए गए है। वर्ष 2021-22 की तुलना में इस बार आय में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
एक साल में कुल 15 करोड़ लोगों ने यात्रा की है। यह भी 20 साल में सबसे ज्यादा है। 3,506 पार्सल वैन को ठेके पर दिया गया है। इसमें से 82,200 टन आवश्यक वस्तुओं का परिवहन कर 57 करोड़ रुपए की आय अर्जित की गई है। 170 पार्सल कार्गो एक्सप्रेस ट्रेनों को ठेके पर दिया गया है, इससे 28 करोड़ रुपए आय प्राप्त हुई है।
यात्रियों की मांग पर त्योहारों, छुट्टियों और अन्य विशेष अवसरों पर विशेष ट्रेनें चलाई गई हैं। स्थायी आधार पर 253 अतिरिक्त कोच और अस्थायी आधार पर 224 कोच की व्यवस्था की गई है।
टिकट आरक्षण वाले यात्रियों की सुविधा के लिए वर्ष के दौरान 2,335 अतिरिक्त कोच उपलब्ध कराए गए हैं। चार नई ट्रेनें, दो ट्रेनों का विस्तार और दो ट्रेनों के फेरे में बढ़ोतरी की गई है। 116 ट्रेनों की गति बढ़ाकर यात्रा के समय में 2,816 मिनट की बचत की गई है। 6 जोड़ी ट्रेनों को सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेनों के रूप में अपग्रेड किया गया है। यात्रियों की सुरक्षा और आराम के लिए 10 ट्रेनों को पारंपरिक आईसीएफ कोच से एलएचबी कोच में बदला गया है। विशेष ट्रेनों में 49 एफटीआर कोचों को जोडक़र यात्रियों के अनुरोध पर कुल 13 एफटीआर सेवाएं चलाई गईं।
509 कोचों में 4.77 करोड़ टन माल ढुलाई
दपरे ने इस वर्ष 4.77 करोड़ टन माल की ढुलाई की है। रेलवे ऑटोमोबाइल उद्यमियों के लिए परिवहन का एक विश्वसनीय साधन बन गया है। इस साल 509 कोचों में ऑटोमोबाइल माल की ढुलाई की गई है। दक्षिण पश्चिम रेलवे ने 2.05 मीट्रिक टन खनिज तेल, 1.07 मीट्रिक टन सीमेंट और 1.45 मीट्रिक टन चीनी का परिवहन किया है।
संजीव किशोर ने बताया कि दक्षिण पश्चिम रेलवे ने 2003 में अपनी स्थापना के बाद से अब तक की सर्वश्रेष्ठ कमाई और माल ढुलाई के प्रदर्शन का एक नया रिकॉर्ड बनाया है। यह उपलब्धि दपरे के तीनों मंडलों में ग्राहक केंद्रित व्यवसाय विकास इकाइयों की स्थापना और रेल परियोजना एवं उत्पादों की मार्केटिंग के ठोस प्रयासों के कारण संभव हो पाई है।