प्राचीन विश्वविद्यालय के संरक्षण को आगे आई राज्य सरकार
नालंदा विश्वविद्यालय से भी है पुराना?
हुब्बल्ली. राज्य सरकार देश का पहला धार्मिक विश्वविद्यालय कहे जा रहे नागावी विश्वविद्यालय को संरक्षित करने की योजना बना रही है और इसके अध्ययन के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाएगी।

इस संबंध में पर्यटन मंत्री एचके पाटिल ने जानकारी देते हुए कहा है कि 6 से 8 नवंबर तक बीदर, कलबुर्गी, यादगिरी, शहापुर के विरासत स्थलों का दौरा और निरीक्षण किया गया है। इस दौरान नागावी विश्वविद्यालय, शिरवाल के मंदिर, राष्ट्रकूटों की राजधानी मलखेड़ किला उपेक्षित पाया गया। इनके संरक्षण के लिए सरकार स्वच्छता अभियान, संघ-संस्थाओं की ओर से गोद लेने, विशेषज्ञ अध्ययन समितियों के गठन सहित दसियों उपाय करेगी। मंत्री पाटिल ने कहा कि नागावी विश्वविद्यालय सबसे पुराना है और इस पर तीन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ चर्चा की गई है। जल्द ही समिति गठित की जाएगी। इतिहासकारों की राय है कि ऐसे खंडहर हैं जिन पर कन्नड़वासियों को गर्व है। इस बीच एक दिसंबर से साफ-सफाई का काम किया जाएगा। 1 से 10 जनवरी के भीतर नागावी विश्वविद्यालय में स्थित सभी अवशेषों को दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।

300 छात्र थे अध्ययनरत

अति प्राचीन धार्मिक नागावी शिक्षा केन्द्र में 300 से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत थे। खास बात यह है कि कर्नाटक की पहली लाइब्रेरी भी इसी विश्वविद्यालय में स्थित थी। विश्वविद्यालय में छात्रों को मुफ्त भोजन और आवास के साथ शिक्षा दी जाती थी।

नागावी विश्वविद्यालय क्या है?

यहां मिले शिलालेखों से पता चलता है कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना दूसरी शताब्दी में हुई थी और यह नालंदा से भी पहले का है। 1927 में हैदराबाद के निजाम ने इस विश्वविद्यालय पर शोध करवाया और इसकी पुस्तक भी निजाम के संग्रहालय में उपलब्ध है। ऐसा कहा जाता है कि यह विश्वविद्यालय लगभग 400 एकड़ में फैला था।

विश्वविद्यालय का घटिकस्थान

नागावी को पहले राष्ट्रकूटों और कल्याणी चालुक्यों के दौरान अग्रहार, घटिकस्थान के नाम से जाना जाता था। यहां लगभग 64 स्तंभों वाली एक विशाल इमारत है, जो विश्वविद्यालय की घटिक (दीक्षांत) स्थान थी। दूसरे शब्दों में आज के विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले डिग्री प्रदान दीक्षांत समारोह को अतीत का घटिक स्थान कहा जाता है। नागावी विश्वविद्यालय के लिए प्रवेश द्वार था। वहां अभी भी शिलालेख (1058) के अवशेष मौजूद हैं।

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