सरकार ने किया फैसला
कलबुर्गी.
कल्याण कर्नाटक क्षेत्र के व्यापक विकास के लिए डीएम नंजुंडप्पा आयोग की रिपोर्ट की सिफारिश पर गठित राज्य की कांग्रेस सरकार ने कल्याण कर्नाटक क्षेत्र विकास बोर्ड (केकेआरडीबी) में पिछले साढ़े तीन वर्षों में हुई कथित अनियमितताओं की जांच करने का फैसला किया है।

मंत्री प्रियांक खरगे ने खुद मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या पर दबाव बनाया है। विभिन्न कार्यों के लिए किया गया खर्च, उनकी गुणवत्ता, मौका होने के बावजूद बोर्ड की ओर से दसियों करोड़ रुपए खर्च कर कलबुर्गी में कल्याण कर्नाटक उत्सव आयोजित करने के औचित्य की जांच कराने की संभावना है। बताया जा रहा है कि सिद्धरामय्या ने प्रियांक की बात मान ली है।

पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद जिले को मंत्री पद नहीं दिया गया। इसके बजाय, बोर्ड के अध्यक्ष को कैबिनेट स्तर के मंत्री होने का नियम बदलकर विधायक दत्तात्रेय पाटिल रेवूर को अध्यक्ष बनाया गया। बोर्ड में आ रहे 1500 करोड़ रुपए के अनुदान को येडियूरप्पा ने तीन हजार करोड़ रुपए को बढ़ाया।

मंत्री प्रियांक खरगे ने आरोप लगाया है कि बोर्ड ने कल्याण कर्नाटक के बीदर, कलबुर्गी, यादगीर, रायचूर, कोप्पल, बेल्लरी और विजयनगर जिलों को बुनियादी ढांचे के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य की जरूरतों के लिए दो श्रेणियों, माइक्रो और मैक्रो में अनुदान प्रदान करता है। इसके लिए संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के विधायक जिलाधिकारियों के माध्यम से कार्ययोजना बोर्ड को प्रस्तुत करना चाहिए। पूर्ण पैमाने पर बोर्ड का गठन नहीं करने के बावजूद केकेआरडीबी ने अनियमित रूप से कुछ परियोजनाओं को अनुदान दिया है। इसकी गुणवत्ता की निगरानी नहीं की गई है।

बोर्ड के अध्यक्ष को कमीशन के रूप में सैकड़ों करोड़ रुपए मिलने के बारे में सेडम विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक रह चुके राजकुमार पाटिल की एक व्यक्ति से फोन पर हुई बातचीत ने हंगामा खड़ा कर दिया था। बाद में तेलकूर ने ऐसा नहीं कहा है कहकर सफाई दी थी।

कल्याण कर्नाटक के लिए 10 करोड़ रुपए खर्च

केकेआरडीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फरवरी के महीने में गुलबर्गा विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित कल्याण कर्नाटक उत्सव के के लिए लगभग 10 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। बोर्ड के फंड से 5 करोड़ और 4.5 करोड़ रुपए बोर्ड की ओर से बैंक में रखे गए अनुदान पर ब्याज के पैसे का उपयोग उत्सव के लिए इस्तेमाल किया गया है। वित्त विभाग ब्याज की रकम खर्च करने की अनुमति दी थी। बोर्ड ने बाकी पांच करोड़ रुपए को बोर्ड की मंजूरी प्राप्त कर खर्च किया है।

करीब 200 करोड़ दिए

खरगे ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता बसवराज पाटिल सेडम को एक पद देने के इरादे से येडियूरप्पा ने कल्याण कर्नाटक मानव संसाधन, कृषि और सांस्कृतिक संघ का गठन कर उन्हें इसका अध्यक्ष बनाया था। उन्होंने शिकायत की है कि इसके लिए सरकार की ओर से ही अनुदान देने के बजाय विकास कार्यों के लिए आरक्षित बोर्ड के अनुदान को सांस्कृतिक संघ को अनुदान दिलवाया। हर वर्ष सौ करोड़ रुपए के हिसाब से दो साल के लिए कुल 200 करोड़ रुपए बोर्ड के खाते में ही दिया है इसकी जांच होने की संभावना है। प्रियांक खरगे ने एक साल पहले संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर दस्तावेज जारी करते हुए कहा था कि सांस्कृतिक संघ ने बिना किसी मापदंड का पालन किए योजनाओं का लाभार्थी बनाया है। मंत्री खरगे ने कहा कि केकेआरडीबी को कल्याण कर्नाटक के लोगों के लिए कामधेनु बनना चाहिए था परन्तु अपना उद्देश्य भूल कर भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया। इसलिए उन्होंने इसकी व्यापक जांच की मांग की है। इसे तब तक नहीं छोड़ा जाएगा जब तक तार्किक अंत नहीं दिखता।

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