सांगली.
महाराष्ट्र के सांगली में पालघर जैसी वारदात टल गई। बच्चा चोर समझकर भीड़ ने लवंगा में चार साधुओं की बेरहमी से पिटाई की है।
पुलिस जांच में पता चला है कि सभी साधु मथुरा के पंचनामा जूना अखाड़े के हैं। ये सभी पंढरपुर में देवदर्शन के लिए जा रहे थे। इस मामले में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। भीड़ ने इन साधुओं को बच्चों का अपहरण करने वाले चोरों का गिरोह समझकर यूपी के चार साधुओं को बेरहमी से पीटा गया। उत्तर प्रदेश के मथुरा से चार साधु महाराष्ट्र में भगवान के दर्शन के लिए आए थे। उसके बाद, वह जाट तालुका के लवंगा होते हुए पंढरपुर में देवदर्शन के लिए कर्नाटक के विजयपुर से रवाना हुए।
इस दौरान चारों साधु लवंगा रात के समय गांव के एक मंदिर में रुके थे। उसके बाद सुबह जब चारों साधु कार से जा रहे थे, तो उन्होंने एक लड़के से रास्ता पूछा। इसके बाद कुछ ग्रामीणों को शक हुआ कि ये बच्चे चोरों का एक गिरोह है। इसके बाद ग्रामीणों ने इन साधुओं के बारे में पूछताछ शुरू की और फिर दोनों के बीच कहासुनी हो गई। इससे नाराज ग्रामीणों ने साधुओं को कार से बाहर निकाला और मारपीट की। उन्हें लाठियों और पट्टियों से बुरी तरह पीटा गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची सांगली पुलिस ने चारों साधुओं को मुक्त कराया। उसके बाद इन साधुओं से मिले आधार कार्ड और फिर संबंधित उत्तर प्रदेश में उनके रिश्तेदारों से पूछताछ की गई। ये सभी मथुरा के श्री पंचनामा जूना अखाड़े के साधु निकले। इस मामले में पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने संज्ञान लेते हुए आईपीसी की धारा 323 और 324 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने 5 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया है, जबकि 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने बताया कि चारों साधू कार में सवार होकर विजयपुर सेपंढरपुर स्थित विट्ठल मंदिर जा रहे थे। सांगली के जाट तहसील के लवंगा गांव के पास ये सड़क पर खड़े लोगों से रास्ता पूछने के लिए रुके, परन्तु लोगों ने समझ लिया कि ये कोई साधु नहीं बल्कि बच्चा चोर गिरोह के सदस्य हैं। इसके बाद लोगों ने इन्हें गाड़ी से खींच कर बाहर निकाला और मारपीट की।