
नामांकन पत्र जमा करने से पहले उम्मीदवारों के नाम बदलने की मांग
सवदत्ती, गोकाक, कित्तूर और निप्पणी क्षेत्रों में बगावत की चेतावनी
हुब्बल्ली. कांग्रेस खेमे में प्रतिद्वंद्वियों की टक्कर से पहले ही बगावत की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी सूची में घोषित बेलगावी जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों में टिकट से वंचित दावेदारों का गुस्सा फूट पड़ा है।
क्षेत्रों में बगावत की चेतावनी दी है।
कांग्रेस पार्टी की ओर से 6 अप्रेल को जारी दूसरे चरण के उम्मीदवारों की सूची में मौका गंवाने वाले प्रत्याशी अब मायूस हैं। नाम की घोषणा होते ही सडक़ों पर उतरे उम्मीदवारों के समर्थकों ने प्रदर्शन के जरिए पार्टी नेताओं को चेतावनी देने की कोशिश की है। नामांकन पत्र जमा करने से पहले उम्मीदवारों के नाम नहीं बदलने पर सवदत्ती, गोकाक, चन्नम्मा के कित्तूर और निप्पाणी चारों निर्वाचन क्षेत्रों में बगावत करने की चेतावनी दी है।
सवदत्ती में माहौल गरम
सवदत्ती यल्लम्मा विधानसभा क्षेत्र में बगावत की आग तेज हो गई और टिकट से वंचित सौरभ चोपड़ा, पंचनगौड़ा द्यामनगौड़ा के समर्थक अपने नेताओं को टिकट देने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। टिकट नहीं बदलने पर क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी को तीसरे स्थान पर धकेलने की चेतावनी देने के जरिए बागी मुकाबले का स्पष्ट संदेश दिया है।
इस बार भी टिकट पा चुके विश्वास वैद्य 2018 के चुनाव में 32 हजार से ज्यादा वोटों से हारे थे। टिकट के दावेदार सौरभ चोपड़ा के पिता आनंद चोपड़ा ने निर्दलीय चुनाव लडक़र भाजपा को कड़ी टक्कर दी, केवल 6,000 मतों के अंतर से हार गए थे। वहीं 2013 के चुनाव में कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने पर पंचनगौड़ा द्यामनगौड़ा ने जेडीएस से चुनाव लड़ा और 36 हजार वोटों से हार गए थे।
चर्चा कर अगले मुकाबले पर फैसला लेंगे
सवदत्ती निर्वाचन क्षेत्र के कांग्रेस टिकट के दावेदार पंचनगौड़ा द्यामनगौडर ने कहा कि अभी भी एक मौका है। पार्टी प्रत्याशी के नाम में संशोधन किया जाए। वे 10 मार्च को कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा कर अगले मुकाबले पर फैसला लेंगे।
समर्थकों में असंतोष बढ़ा
जेडीएस से तीन बार और भाजपा से एक बार चुनाव लड़ चुके अशोक पुजारी को इस बार भी गोकाक का टिकट नहीं मिलने से समर्थकों में असंतोष बढ़ गया है। अशोक पुजारी ने बगावत का संकेत देते हुए कहा कि वे 2023 के चुनाव में उन्हें मौका देने की उम्मीद से कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। अब अंतिम समय में पार्टी वादा भूल गई है। जो क्षेत्र और पार्टी से परिचित नहीं है ऐसे चेहरे को मौका दिया गया है जिससे बहुत दु:क हुआ है। समर्थकों के निर्णय के अनुसार हम आगे बढ़ेंगे।
मौका गंवा दिया
गोकाक निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस टिकट के दावेदार अशोक पुजारी ने कहा कि राज्य के सभी नेताओं ने सर्वसम्मति से मेरे नाम का सुझाव देने से मेरा नाम दिल्ली के वरिष्ठों की सूची में भी था। अनदेखे हाथों की आखिरी मिनट की चाल और मेरे चुनाव लडऩे से हारने के डर के कारण, उन्होंने दिल्ली स्तर पर प्रभाव बनाकर मेरा मौका गंवा दिया है।
बगावत की संभावना बढ़ी
डी. बी. इनामदार ने 1983 से लेकर अब तक नौ चुनाव लड़े हैं और पांच बार जीते हैं, जनता पार्टी से दो बार और कांग्रेस से तीन बार जीते हैं। चुनाव की दहलीज पर बीमारी का शिकार हुए उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों की कांग्रेस पार्टी की उपेक्षा ने न केवल परिवार बल्कि समर्थकों को भी नाराज किया है। पहले ही पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा कर चुकी डीबी की बहू लक्षितर्मा इनामदार ने 11 अगस्त तक चुनावी मुकाबले को लेकर स्पष्ट फैसला लेने का संदेश दिया है। इसके चलते कित्तूर निर्वाचन क्षेत्र में भी बगावत की संभावना बढ़ गई है।
परिवार को पीड़ा दी है
कित्तूर निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस टिकट की दावेदार लक्ष्मी इनामदार ने कहा कि कांग्रेस के सर्वे में डी. बी. इनामदार का नाम आगे चल रहा था। अंतिम समय में सूची बदल कर पार्टी के लिए काम करने वाले इनामदार के परिवार को पीड़ा दी है। वे कार्यकर्ताओं के निर्णय के अनुसार अगला कदम उठाएंगी।
रमेश की संगत बनी बाधा
कांग्रेस पार्टी का टिकट पूर्व विधायक काकासाहेब पाटिल को दिया गया है। इसके चलते क्या रमेश जारकिहोली की संगत से ही उत्तम पाटिल को टिकट मिला नहीं मिला? यह सवाल निप्पणी क्षेत्र में फैला हुआ है। खुद काकासाहेब पाटिल सहित पार्टी नेताओं ने आश्वासन देते हुए पिछली बार कहा था कि इस बार उन्हें समर्थन करें, अगली बार उत्तम पाटिल को मौका दिया जाएगा।
निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लडऩा निश्चित
निप्पणी निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस टिकट के दावेदार उत्तम पाटिल ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि रमेश जारकिहोली के कांग्रेस में होने पर उनके समर्थक होने के कारण उन्हें भी दूर रखा गया है। यह सच है कि मैं रमेश जारकिहोली का करीबी था परन्तु रमेश के कांग्रेस छोडक़र जाने के बाद भी मैंने कांग्रेस के लिए काम किया है। अभी भी मौका मांग रहे हैं। वरना निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लडऩा निश्चित है।
पाटील के बयान के चलते निप्पणी में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार नजर आ रहे हैं।