उडुपी हत्याकांड मामला
बेलगावी में स्विच ऑन होते ही पुलिस को मिल सिग्नल
उडुपी. सब कुछ हत्यारे की योजना के हिसाब से हुआ था। उसने रविवार (15 नवंबर) को उडुपी के नेजारू की घनी आबादी वाली कॉलोनी में मोहम्मद नूर के घर में अचानक घुस कर हसीना और उनके बच्चे अफनान (23), अयनाज (21) और असीम (14) की हत्या की थी। अंतत: आरोपी प्रवीण अरुण चौगुले को बेलगावी के रायभाग तालुक के कुडची में हिरसत में लिया गया है। उस ने जो मोबाइल फोन बंद कर दिया था, उस से ही उसका सुराग मिला।
नेजारू स्थित घर पर 12 नवंबर की सुबह कुछ ही मिनटों में 4 जनों की हत्या किसने की, कहां का रहने वाला है, घर में घुस कर पूरे परिवार की हत्या करने की क्रूरता उसमें क्यों थी, इसके पीछे के कारण क्या हैं आदि मुद्दों को खुरद रही पुलिस को सीसीटीवी फुटेज ने पहला सुराग दिया था।
वहां सफेद शर्ट, रंगीन पैंट पहने गोरा, लंबा, गंजे सिर वाला आदमी अचानक घर में दाखिल हुआ और कुछ ही मिनटों में जल्दी से निकल गया, सब कुछ सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गया था परन्तु पुलिस को यह नहीं पता था कि वह कौन था क्योंकि उसने मास्क और टोपी पहन रखी थी। वह कौन था यह बताने वाले परिवार के सभी सदस्यों की हत्या की गई थी। घटना में बची एक दादी अस्पताल में भर्ती थीं और वही बोलने की हालत में नहीं थीं।
वह उडुपी के मलपे के संतेकट्टे से एक ऑटो में आकर घर के सामने उतरा था। संतेकट्टे से नेजारू के तृप्ति लेआउट स्थित घर आते समय भी उसने नकाब पहन रखा था इसके चलते पुलिस के लिए हत्यारे का चेहरे को तलाशना एक बड़ी चुनौती थी। इस समय तक यह घटना सामने आ चुकी थी और पूरे राज्य में हडक़ंप मचाया था। इसी बीच उसे घर छोडऩे वाला ऑटोरिक्शा चालक स्वेच्छा से आकर अज्ञात व्यक्ति के बारे में कुछ जानकारी दी थी। बताया कि वह कन्नड़ बोल रहा था परन्तु जब वह अपनी करतूत को अंजान देकर दूसरे ऑटोरिक्शा में बैठते समय उसने उस ऑटोरिक्शा चालक को जल्दी चलने के लिए कहा था। यह बात उस ऑटोरिक्शा ने सुनी जिसने उसे उस घर पर छोड़ा था जहां हत्या हुई थी। इसकी भी जानकारी उसने पुलिस को दी थी।
युवती ऑफिस का सहकर्मी था!
पुलिस ने ऑटोरिक्शा चालक से हत्यारे के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त की, पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को बारीकी से देखा, हत्यारे की चाल-ढाल और पहनावे को भी बारीकी से देखा। उस दौरान चलने का अंदाज अलग देखते हुए पुलिस ने उस जगह से कुछ सीसीटीवी फुटेज लिए थे, जहां मृतक युवती काम करती थी। इन दोनों सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच की गई तो प्रवीण चौगले पर पुलिस का शक और भी मजबूत हो गया था। कार्यालय में पूछताछ करने पर पता चला कि हत्या के दिन रविवार को वह काम पर नहीं आया था परन्तु यह बात सामने आई कि वह सोमवार से तीन दिन की छुट्टी पर था। इसके बाद जब उसने उसके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया तो उसका मोबाइल बंद था। इसके बाद पुलिस ने उसकी पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी एकत्रित कर उसका पीछा करते हुए उसके लोकेशन का पता लगाने का फैसला किया था।
तभी पुलिस की नजर बंद पड़े मोबाइल हैंडसेट पर पड़ी। वे देखते रहे कि वह मोबाइल कहां और कब ऑन होगा। हत्या के तीसरे दिन यह चालू हुआ। जब उसकी लोकेशन ट्रेस की गई तो पता चला कि वह बेलगावी में है। बेलगावी के कुडची में मोबाइल फोन के स्वीच ऑन होने से बेलगावी पुलिस की मदद से उडुपी पुलिस सीधे बेलगावी चली गई। आरोपी बेलगावी के कुडची में अपने एक रिश्तेदार के घर पर छिपकर बैठा था। तेज गति से उस घर पहुंची पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।