
दिंगलेश्वर स्वामी ने कहा
हुब्बल्ली. शिरहट्टी फकीरेश्वर मठ के दिंगालेश्वर स्वामी ने कहा कि मैंने पूर्व में कहा था कि भाजपा सरकार येडियूरप्पा के आंसुओं में बह जाएगी। आज उस पार्टी के नेताओं को इस बात का अहसास हो गया है।
तालुक के नूलवी क्रॉस के पास सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए दिंगालेश्वर स्वामी ने कहा कि सत्ता में आने पर अगर उस पार्टी के नेताओं की अनदेखी की गई तो वे मूंहकी खाएंगे।
उन्होंने कहा कि मैंने उस दिन किसी एक व्यक्ति को संबोधित कर नहीं कहा था। येडियूरप्पा ऐसे नेता हैं जिनकी हर किसी को जरूरत है। उस दौरान सभी समाजों के नेताओं ने उन्हें जारी रखने को कहा था। किसी बुरे उद्देश्य या स्वार्थ के लिए लिया गया निर्णय और येडियूरप्पा को बदलना ही आज की दयनीय स्थिति का कारण है।
दिंगालेश्वर स्वामी ने कहा कि मठाधीश कोई गंभीर बयान देते हैं तो उस पर विचार करना चाहिए। भगवा सेना होने का दावा कर सत्ता में आए और भगवाधारियों के साथ ठीक से व्यवहार नहीं किया। भगवाधारियों के सबक सिखाने के बावजूद उन्होंने सबक नहीं सीखा।
बी.एल. संतोष के खिलाफ अप्रत्यक्ष रूप से बरसते हुए उन्होंने कहा कि येडियूरप्पा, लक्ष्मण सवदी, जगदीश शेट्टर, ईश्वरप्पा समेत राज्य के वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी ही भाजपा की मौजूदा स्थिति का कारण है। पार्टी के गठन में जिसका कोई योगदान नहीं है, उसकी बात सुनने का क्या मतलब है? राज्य जानता है कि येडियूरप्पा के सीएम रहते हुए क्या किया था। उन्हें मुख्यमंत्री के पद से हटाते समय उन्होंने कैसा व्यवहार किया था।
दिंगालेश्वर स्वामी ने कहा कि भाजपा ने एक ही हुब्बल्ली-धारवाड़ सेंट्रल विधानसभा चुनाव को किया। कांग्रेस को जगदीश शेट्टर और सवदी के साथ सम्मान से पेश आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वे ब्राह्मण मुद्दे पर छह महीने बाद संवाददाता सम्मेलन करेंगे। राज्य में क्या हुआ, इसके रिकॉर्ड हैं। वे ब्राह्मणों के बारे में बात करने से नहीं डरते। उन्हें किसी का डर नहीं है। ज्यादा बात करने का कोई फायदा नहीं है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने राज्य के नेताओं के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया। जो बोया उसे काटा है। दक्षिण भारत के घोड़ों को गधा समझाना ही इस सब के लिए कारण है। उन्होंने सोचा था कि कर्नाटक के नेताओं को छोडक़र वे कुछ भी कर सकते हैं। प्रदेश के मतदाता क्य मूर्ख हैं, उन्होंने राष्ट्रीय नेताओं को सही सबक सिखाया है।
दिंगलेश्वर स्वामी ने कहा कि राज्य को ठीक से चला सकने वाला एक सक्षम, योग्य और जो कर्नाटक को एक नजरिए से देख ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनना चाहिए। उत्तर कर्नाटक के लिंगायत नेताओं में कई बुद्धिजीवी हैं। उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद देना चाहिए। यह हमारी राय है।