इटगी के ग्रामीणों की कोशिश लाई रंग
बेलगावी. खानापुर तालुक में इस बार मानसूनी बारिश के नहीं होने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। पानी की कमी से फसलें प्रभावित हुई हैं। जलस्त्रोतों में पानी की कमी हो गई है। इस समस्या से बचने के लिए इटगी गांव के नागरिकों ने झील को भरने की कोशिश की और उन्हें सफलता भी मिली है।
इटगी ग्राम पंचायत की ओर से मलप्रभा नदी से गांव के तालाबों तक पानी पहुंचाने का काम जोरों पर चल रहा है। आगामी गर्मियों में लोगों और मवेशियों के लिए पीने के पानी की समस्या को हल करने के लिए लोगों ने यह उपाय किया है।
तीन किलोमीटर दूरी से भरा पानी
इस गांव के लोग कृषि और डेयरी फार्मिंग पर निर्भर हैं। इटगी गांव के ग्राम पंचायत के सामने 200 एकड़ क्षेत्र में एक बड़ी झील है। गांव के चारों ओर तीन-चार छोटी झीलें हैं। इन झीलों के भरने पर गांव के आसपास के बोरवेलों में भूजल स्तर बढ़ जाएगा। इसके लिए उन्होंने 3 किलोमीटर की दूरी पर बहने वाली मलप्रभा नदी से गांव के तालाबों में पानी भरने का काम किया है।
ग्राम पंचायत अध्यक्ष रुद्रप्पा मुदुकप्पा तुरमरी, उपाध्यक्ष राजश्री हुणशिकट्टी, सदस्य संतोष कीलोजी, चंद्रगौड़ा पाटिल, मारुति इटगी, यल्लप्पा गोकावी, विट्ठल कीलोजी, बालप्पा बेणचिनमरडी, रायप्पा बलगप्पनवर की एकजुटता इसका कारण है।
पानी की खपत भी अधिक होती है
इटगी की आबादी 10 हजार से ज्यादा है। यहां दो सरकारी वरिष्ठ प्राथमिक विद्यालय, एक हाई स्कूल, पीयू और डिग्री कॉलेज, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पिछड़ा वर्ग छात्रावास, ग्राम पंचायत, राष्ट्रीयकृत बैंक, प्राथमिक कृषि सहकारिता बैंक, दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ और दर्जनों सहकारी वाणिज्यिक संस्थान कार्य कर रहे हैं। इटगी में प्रत्येक मंगलवार को साप्ताहिक मंडी लगती है। पड़ोसी मार्गनकोप्पा, क्यारकोप्पा, करविनकोप्पा, गंदिगवाड़, बोगुरु, तोलगी, बेडरहट्टी, चिक्कमुनवल्ली महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र है। इसके चलते यहां पानी की खपत भी अधिक होती है।
झीलों को भरने का कार्य किया
इटगी झील में पानी पहने पर पूरा गांव आगामी बरसात के मौसम तक सुरक्षित और बेफिक्र रहेगा इस उद्देश्य से झीलों को भरने का कार्य किया गया।
–वीरेश सज्जन, पीडीओ, इटगी
8.14 करोड़ रुपए खर्च
खानापुर विधानसभा क्षेत्र में 26.93 करोड़ रुपए अनुदान का उपयोग जल संसाधनों के लिए किया गया है। मलप्रभा नदी के पानी से बड़ी झील को भरने के लिए 8.14 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
–डॉ. अंजलि निंबालकर, पूर्व विधायक