कुंदगोल से बिडनाल तक जाने वाली क्षतिग्रस्त सडक़।
कुंदगोल से बिडनाल तक जाने वाली क्षतिग्रस्त सडक़।

कुंदगोल क्षेत्र के लोगों की उम्मीदें
हुब्बल्ली
.कुंदगोल निर्वाचन क्षेत्र में अधिकांश किसान हैं। यह पिछड़े तालुक के रूप में जाना जाता है। अब तक अनुदान की कमी के चलतें विकास कार्य धीमी गति से चल रहे थे। विकास गतिविधियों रफ्तार पकडऩे समेत उम्मीदों की फेहरिस्त लंबी है।

गुडेनकट्टी गांव के बसवराज योगप्पनवर का कहना है कि गांवों से शहर आने-जाने वाले छात्रों और श्रमिकों के लिए पर्याप्त बस व्यवस्था नहीं है। इसे लेकर छात्र कई बार विरोध कर चुके हैं। अब तो क्या यह स्थिति बदलेगी इस बारे में हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा।

जल निकासी की व्यवस्था ठीक नहीं

कोंकण कुरहट्टी गांव के शिक्षक वीएस संगन्नवर ने बताया कि तालुक के अधिकांश गांवों में पीने के पानी, सीवरेज, बिजली की आपूर्ति, खेतों में जाने के लिए उचित आंतरिक सडक़ों की कमी और रहने के लिए कोई घर नहीं है। गुडेनकट्टी, चाकलब्बी, यरेबुदिहाल, यरगुप्पी, हिरेनर्ती, चिक्कनर्ती, रोट्टिगवाड़, कोंकण कुरहट्टी गांव पेयजल की समस्या का सामना कर रहे हैं। कई गांवों में आज भी दूर-दूर के तालाबों और कुओं में जाकर पानी लाने की स्थिति बनी हुई है। भूमिगत जल निकासी की व्यवस्था ठीक नहीं है। जगह-जगह कचरा फेंकने से शाम के समय मच्छरों और मक्खियों की समस्या बढ़ जाती है।

तालुक में ही मिले रोजगार

भरदवाड़ गांव के संजय ने बताया कि तालुक की नहरें बरसात के दिनों में ओवरफ्लो होने के कारण सडक़ों पर पानी भर जाता है। यरेबुदिहाल, भरदवाड़, चाकलब्बी, कोड्लिवाड़ा के पास पुलों का निर्माण करना चाहिए। तालुक में ज्यादातर उगाई जाने वाली प्रसिद्ध सूखी लाल मिर्चों को स्टॉक करने के लिए प्रसंस्करण इकाईयों का निर्माण करना चाहिए।

चाकलब्बी गांव के गुरुसिध्दप्पा का कहना है कि कुंदगोल, संशी, गुडगेरी, कमडोली, तर्लघट्टा समेत कई जगहों पर सब्जी मंडियों की जरूरत है। अधिकांश तालुक मजदूरी के काम के लिए नियमित रूप से हुब्बल्ली जाते हैं। उन्हें तालुक में ही रोजगार मिलना चाहिए। एथलीटों को अच्छी तरह से सुसज्जित स्टेडियम की जरूरत है। किसानों की समस्याओं का भी समाधान होना चाहिए।

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