हुब्बल्ली . गब्बर के श्री जैन दादावाड़ी मंदिर में श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ की ओर से 23 अप्रेल सुबह 10 बजे से वर्षीतप पारणा महोत्सव का आयोजन किया गया है।

शहर में शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में महोत्सव के संचालक महेंद्र सिंघी ने कहा कि पूरे साल एक दिन सात्विक भोजन करना और अगले दिन सुबह 8 से शाम 6 बजे तक सिर्फ गर्म पानी पीना व्रत है। इसे अक्षय तृतीया पर मनाया जाता है और अगले साल अक्षय तृतीया पर समाप्त होता है। यह जैन परंपरा में हजारों साल से मनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रवचन दिवाकर, राष्ट्र संत नरेश मुनि ने लगातार 34 वर्षों से वार्षिक वर्षीतप मना रहे हैं, वर्तमान में हुब्बल्ली में हैं, इसलिए यहां वर्षीतप पारणा महोत्सव का आयोजन किया गया है। मुनि से प्रभावित होकर कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, राजस्थान व अन्य राज्यों से वर्षीतप मनाने वाले 45 लोग गन्ने का रस पीकर अनशन समाप्त करेंगे। उनका सम्मान किया जाएगा। इसी दौरान कई लोग अनुष्ठान शुरू करेंगे।

वर्षीतप का छठा वर्ष मना रहे साध्वी तरुण शीला, शालिभद्र मुनि भाग लेंगे। लगभग 1500 श्रावक-श्राविकाएं भाग लेंगे। नरेश मुनि ने कहा कि वर्षीतप आत्मशुद्धि और त्याग का प्रतीक है। इसकी शुरुआत जैन धर्म के पहले तीर्थंकर भगवान वृषभदेव ने की थी। उन दिनों यह पर्व 400 दिनों तक मनाया जाता था। यह विश्व शांति, अहिंसा धर्म जागरूकता के लिए किया जा रहा है। यह बहुत ही खास, अद्वितीय और पवित्र है। संवाददाता सम्मेलन में श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के अध्यक्ष उकचंद बफणा, बाबुलाल पारख, गौतमचंद भुरट, दलीचंद बागरेचा, प्रकाश कटारिया, महेंद्र विनायकिया, कांतिलाल बोहरा, मुकेश भंडारी, अशोक कोठारी, गणपत कोठारी, गौतम गोलेच्छा, दीपचंद भंडारी, दिनेश सुराणा, प्रवीण कवाड, अशोक कानुंगा, महेंद्र चोपड़ा, संजय साकरिया, अमृतलाल सुराणा, प्रकाश बाफना, चंद्रकुमार कांकरिया, कमलेश बागरेचा समेत अन्य मौजूद थे।

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