नरेगल-गजेंद्रगढ़ सड़क हादसा
शिरहट्टी जाने के दौरान हुए हादसे का शिकार
दिंगालेश्वर स्वामी से 20 साल से रहा था परिवार का अटूट रिश्ता
हुब्बल्ली. पृथक दो परिवार होने के बाद भी एक ही परिवार की तरह रहते थे। व्यापार, व्यवसाय और मठ के दर्शन सहित किसी भी कार्यक्रम में वे साथ ही जाते थे। वे परिवार की हर सुख-दुख में प्रतिक्रिया व्यक्त करते थे परन्तु सोमवार को हुए हादसे से दोनों परिवारों को सदमा लगा है। परिजनों शोक में ढकेला है।
नरेगल-गजेंद्रगढ़ राजमार्ग मार्ग पर गड्डिहल्ला के पास सोमवार को परिवहन निगम की बस और टाटा सूमो के बीच हुई भिड़ंत में कलबुर्गी जिला अलंद तालुक के मादनहिप्परगा और अफजलपुर गांवों के छह लोगों की मृत्यु हुई। तीन बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए।
दोनों मृतक परिवार के सदस्य गदग जिले के शिरहट्टी फकीरेश्वर मठ के श्रद्धालु थे। दिंगालेश्वर स्वामी के साथ 20 वर्षों से अटूट रिश्ता रहा था। गरीबी के दिनों में घर का दौरा करने वाले दिंगालेश्वर स्वामी के मार्गदर्शन में उन्हें कलबुर्गी जिले में व्यावसायिक और सामाजिक तौर पर अभिजात वर्ग के रूप में पहचान बनाई थी। इसलिए, दोनों परिवारों के लिए अपने घरों में होने वाले किसी भी कार्यक्रम में दिंगालेश्वर स्वामी को आमंत्रित करना और वर्ष में दो या तीन बार मठ का दौरा करना आम बात थी। इसी के तहत उन्होंने रविवार को दिंगालेश्वर स्वामी को फोन कर उनसे कहा था कि वे सोमवार को आएंगे परन्तु हादसे में दो परिवारों के बुजुर्गों की मौत हो गई।
सचिन के पिता बोले…दु:स्वप्न जैसा
मृतक सचिन के पिता मल्लिकार्जुन ने रोते हुए कहा कि मैं मधुमेह का इलाज कराने के लिए सिकंदराबाद-हुब्बल्ली एक्सप्रेस ट्रेन से सोमवार सुबह अफजलपुर से हुब्बल्ली आया था। मेरा बेटा सचिन और बहू द्रक्षायनी दिंगालेश्वर स्वामी से मिलने के लिए टाटा सूमो से शिरहट्टी जा रहे थे। उनके मठ पहुंचने से पहले ही भगवान ने उन सभी को छीन लिया। दो बेटे, बहुएं सभी बीई ग्रेजुएट हैं। सचिन बिजनेस और परिवार संभाल रहा था। अब बेटे और बहू के बिना जीवन एक दु:स्वप्न जैसा लगता है।
मादन हिप्परगा के निवासी मल्लिनाथ कल्लशेट्टी और पड़ोसी महेश दुदगी ने बताया कि शिवकुमार के निरक्षर होने के बावजूद दिंगालेश्वर स्वामी के प्रवचनों से प्रभावित होकर आध्यात्मिक और अच्छे वक्ता थे। उन्होंने लोहे और कृषि उपकरणों की दुकान और अपने बेटे का नाम दिंगालेश्वर रखा था। उनमें गांव के सभी लोगों की कठिनाइयों के लिए तड़प थी। पिता सुभाष के लिए इकलौता बेटा है। शिवकुमार के पिता का हाल ही में हृदय संबंधी बीमारी के कारण ऑपरेशन हुआ है। हादसे में बेटे, बहू, पोते और बेटी चार जनों की मौत हो गई। यह एक दिल दहला देने वाली घटना है।
विधायक ने की मदद, मुआवजे की घोषणा
दो परिवारों के छह लोगों की मौत की खबर सुनकर नरेगल शहर आए शिरहट्टी फकीरेश्वर मठ के दिंगालेश्वर स्वामी और विधायक जीएस पाटिल घायलों के पास गए। पूरे दिन नरेगल थाने में रहे। तीनों घायल बच्चों को बचाने का प्रयास किया गया। विधायक पाटिल ने हुब्बल्ली बालाजी अस्पताल के डॉ. क्रांतिकिरण से बात कर विशेष वाहन के जरिए गदग जिला अस्पताल से हुब्बल्ली रवाना किया। छह मृतकों का पोस्टमार्टम करवा कर शवों को उनके गांव भिजवाया। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या और मंत्री एच.के. पाटिल से फोन पर बात करने के बाद वे मृतकों के परिवार को सरकार की ओर से दो-दो लाख रुपए मुआवजा देने का वादा करके लौटे। दिंगलेश्वर स्वामी ने अस्पताल का दौरा कर बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। उन्होंने करीबी श्रध्दालुओं की असामयिक मौत पर दुख व्यक्त किया।
दु:ख सहन नहीं कर पा रहा हूं
सभी प्रकार की घटनाओं को चुनौती के तौर पर स्वीकार करते हुए और उनका सामना करने वाला मैं श्रद्धालुओं की मृत्यु को सहन नहीं कर पा रहा हूं। मठ में देने के लिए वाहन में ज्वार और गेहूं लाने वाले श्रद्धालुओं का गुरु के प्रति प्रेम दु:खी किया है।
-दिंगालेश्वर स्वामी, फकीरेश्वर मठ, शिरहट्टी
ऐसी घटनाएं कहीं नहीं होनी चाहिए
यह दुखद है कि दो परिवार खत्म हो गए, ऐसी घटनाएं कहीं नहीं होनी चाहिए। हादसे में घायल बच्चों के लिए जरूरी चिकित्सा व्यवस्था की गई है।
–जी.एस.पाटिल, विधायक