उम्मीदवार को लेकर छिड़ी बहस
हुब्बल्ली
. शिकारीपुर और शिवमोग्गा शहर निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस उम्मीदवार कौन है? यह भ्रम जारी है। हमेशा की तरह इस बार भी कांग्रेस से चुनाव की जंग में उतर रहे उम्मीदवार की कर्ण की भूमिका को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इन दोनों सीटों पर भाजपा ने अभी तक अपना उम्मीदवार तय नहीं किया है। इसके बावजूद विधायक के.एस. ईश्वरप्पा और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने पहले ही दो दौर का प्रचार कार्य पूरा कर चुके हैं इसी बीच ईश्वरप्पा ने चुनावी राजनीति से सन्यास लेने की बात कही है। कांग्रेस ने दो सूचियां जारी की हैं, परन्तु इन निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप नहीं दिया है।

बिना कवच-कुंडलों के संरक्षण के कर्ण के कुरुक्षेत्र की रणभूमि में जाने का अनुभव यहां के कांग्रेस प्रत्याशियों का है। हर चुनाव में हार का अंदेशा रहता है। या तो कमजोर उम्मीदवार को मौका दिया जाता है, या उम्मीदवार को वोट पाने के लिए पार्टी का प्रोत्साहन नगण्य रहता है। कम से कम इस बार बिना किसी आंतरिक समझौते के टिकट बांटने की शिवमोग्गा कांग्रेस प्रचार समिति के एक नेका ने की है। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कुंती के पुत्रों का राज्य नहीं है उस स्थिति में हम हैं।

कांग्रेस पार्टी के सदस्यों का कहना है कि शिकारीपुर में शहर के महादेवप्पा से शरू होकर इसे पिछले चुनाव तक दोहराया गया है। 2004 से शिवमोग्गा शहर निर्वाचन क्षेत्र में भी यही स्थिति है। प्रसन्नकुमार ने यहां 2013 में कांग्रेस से जीत हासिल की थी, परन्तु वह जीत भाजपा और केजेपी के बीच संघर्ष का नतीजा थी। बावजूद इसके प्रसन्नकुमार को पार्टी नेताओं का अपेक्षित सहयोग नहीं मिला।

शिकारीपुर निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के टिकट के दावेदारों में गोणी मालतेश, नागराज गौड़ा और पुष्पा शिवकुमार सबसे आगे हैं। मालतेश कुरुबा समाज से हैं, नागराज गौड़ा और पुष्पा शिवकुमार लिंगायत हैं।

मालतेश फिर कतार में

2018 के चुनाव में हारने के बाद भी कांग्रेस के गोणी मालतेश फिर से टिकट के लिए कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले 2013 के चुनाव और 2014 के उपचुनाव में येडियूरप्पा और बेटे बी.वाई. राघवेंद्र को विधान परिषद के पूर्व सदस्य शांतवीरप्पा गौड़ा ने टक्कर दिया था। अब उनके भाई के बेटे नागराज गौड़ा टिकट के लिए भारी मशक्कत कर रहे हैं। पुष्पा शिवकुमार सेवानिवृत्त डीएसपी शिवकुमार की पत्नी हैं। शिवमोग्गा की रहने वाली हैं, अब टिकट की उम्मीद में निर्वाचन क्षेत्र में सक्रिय होकर घूम रही हैं।

कांग्रेस टिकट के दावेदार के एक समर्थक का कहना है कि 2018 में येडि को हराने में महालिंगप्पा के पीछे खड़े पूर्व मुख्यमंत्री एस. बंगारप्पा ने भगवान कृष्ण की भूमिका निभाई थी परन्तु इस बार वरुणा सीट से कौन प्रत्याशी होगा, इस पर शिकारीपुर के नतीजे से तय करेंगे। इसके चलते लोगों का सवाल है कि इस बार कृष्णार्जुन चुनाव लड़ेंगे या कर्ण।

शिवमोग्गा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के 11 उम्मीदवारों और आयनूर मंजुनाथ के बीच वजन के पैमाने पर बहस छिड़ी हुई है। ऐसे में यहां प्रत्याशी कौन होगा यह अभी भी एक सवाल बना हुआ है।

86 हजार 983 वोट मिले येडियूरप्पा को 2018 के चुनाव में जबकि कांग्रेस के गोणी मालतेश को 51,586 वोट मिले थे

09 बार (1983 से 2018) चुनाव लड़ा येडि ने शिकारीपुर से और केवल एक बार (1999) लिंगायत समुदाय के महालिंगप्पा से हारे

इनका कहना है

शिकारीपुर और शिवमोग्गा शहर के निर्वाचन क्षेत्रों में लोगों की इच्छा और पसंद के आधार पर आलाकमान पार्टी के उम्मीदवार को अंतिम करना चाहिए।

दर्शन उल्ली, जिला कांग्रेस महासचिव

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