बसवराज बोम्मई ने दी चुनौती
प्रशासन में जाति का साया अच्छा संकेत नहीं
हुब्बल्ली.पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि अखिल भारतीय वीरशैव महासभा के अध्यक्ष शामनूर शिवशंकरप्पा की ओर से लिंगायत अधिकारियों को लेकर उठाए गए सवालों का मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या को जवाब देना चाहिए। जब तक जवाब नहीं मिलेगा, प्रशासन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। जाति की काली छाया पडऩा शासन के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
हुब्बल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस पार्टी शुरू से ही गलतियां करती रही है। तबादले को लेकर काफी असंतोष है। सभी समाजों को न्याय दिलाने का वादा किया था परन्तु ऐसा नहीं हुआ। अब यह अलग अलग रूप में सामने आ रहा है। मुख्यमंत्री इसे जितना लंबा चलएंगे स्थिति उतनी ही बदतर होती जाएगी।
जाति जनगणना नहीं!
राज्य सरकार की ओर से जाति जनगणना जारी करने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में बोम्मई ने कहा कि हमने 2014-15 में शैक्षिक और आर्थिक जनगणना का आदेश दिया था। कहीं भी जातीय जनगणना का जिक्र नहीं किया था। सभी जानते हैं कि यह जातीय जनगणना नहीं है।
अब तक नहीं की कोई कार्रवाई
राज्य में सूखे की स्थिति के प्रबंधन की चर्चा करते हुए बोम्मई ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बयान दिया है कि हम सूखा राहत कार्य कुशलतापूर्वक करेंगे। उनकी सरकार सिर्फ बयानों से चल रही है। सूखे के तीन महीने हो गए हैं। मानसून की फसल बर्बाद होने से किसान परेशान हैं। इन सबके बावजूद अब तक सूखे के लिए कोई नया पैसा जारी नहीं किया गया है। पेयजल की समस्या को लेकर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बेवजह केंद्र सरकार पर उंगली उठा रहे हैं।
विघटनकारी शक्तियों को बढ़ावा!
उन्होंने कहा कि जब भी कांग्रेस की सरकार आती है तो प्रशासन सुचारु रूप से नहीं चल पाता। एक वर्ग को पुलिस छुना नहीं चाहिए इस लिए अप्रत्यक्ष संदेश बहुत सारे हैं। समाज विघटनकारी ताकतों को कानून, पुलिस या सरकार का कोई डर नहीं है। कोलार में घटना हुई थी। इसके चलते शिवमोग्गा में पूर्व बंदोबस्त करना चाहिए था। ईद मिलाद के जुलूस में बंदोबस्ती क्यों नहीं की गई। कांग्रेस सरकार आने के बाद असामाजिक ताकतों को बढ़ावा मिल रहा है।