
विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता सिद्धरामय्या ने कहा
कोप्पल. विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता सिद्धरामय्या ने कहा है कि बसवण्णा के अनुभव मंडप की परिकल्पना में गठित संविधान का विरोध करने वालों तथा सम्मान नहीं करने वालों का बहिष्कार करना चाहिए। यह डॉ. बीआर अम्बेडकर के अनुयायियों का कर्तव्य तथा जिम्मेदारी है।
कुष्टगी में संविधान संरक्षण सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए सिध्दरामय्या ने कहा कि धनवानों के हाथ में जब तक सत्ता रहेगी तब तक शोषण व क्रूरता जारी रहेगी। ऐसे लोगों के बारे में सतर्क रहना चाहिए। डॉ. अम्बेडकर ने कहा है कि जब तक जाति व्यवस्था रहेगी तब तक सामाजिक तथा शैक्षणिक आरक्षण रहना चाहिए। वाल्मीकि गुरुपीठ के मठाधीश अनुसूचित जाति आरक्षण को बढ़ाने की मांग को लेकर 75 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है। ब्राह्मणों के आरक्षण नहीं मांगने पर भी केंद्र सरकार ने आरक्षण दिया है।
उन्होंने कहा कि अस्पृश्य समाज में जन्म लेकर डॉ. अम्बेडकर ने अत्यधिक अपमान, निंदा को सहा है। संविधान के जरिए समानता उपलब्ध करने वाले डॉ. अम्बेडकर को आखिर में हिन्दू धर्म त्याग कर बौध्द धर्म स्वीकार करना पड़ा। संविधान को अपमानित करने की गतिविधियां राज्य में चल रही हैं इसके बाद भी सरकार खामोश है। संविधान की रक्षा नहीं होगी तो शोषित तबके नहीं बचेंगे। डॉ. बीआर अम्बेडकर ने संविधान को देश के लिए तोहफे के तौर पर दिया है। शोषित वर्ग में जन्म लेने के बाद भी वे महाज्ञानी बने। सभी को संविधान पढऩा चाहिए। संविधान गठन समिति की चर्चाओं का अध्ययन करने पर देश के इतिहास के बारे में पता चलेगा।
सिध्दरामय्या ने कहा कि मनुवादियों की सरकार के फिर से सत्ता में आने पर आरक्षण समाप्त होगा और हमें भेड़-बकरी चरानी पड़ेगी। सभी शोषितों को अपने मूल पेशे में ही रहना पड़ेगा। अब देश का संविधान मनुवादियों के हाथ में है। मोदी सरकार में मंत्री रहे अनंतकुमार हेगडे ने संविधान बदलने का खुलकर बयान देकर डॉ. बीआर अम्बेडकर का अपमान किया था। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शह होने से ही अनंतकुमार हेगडे को मंत्रिमंडल से नहीं हटाया गया था।
साहित्यकार एचएस अनुपमा, पूर्व मंत्री डॉ. एचसी महादेवप्पा, बसवराज रायरेड्डी, आरबी तिम्मापुर, सांसद संगण्णा करडी, पूर्व विधायक दोड्डनगौड़ा पाटील, विधायक सतीश जारकिहोली, अमरेगौड़ा बय्यापुर, बसवराज धडेसूगुर, बसवनागिदेव स्वामी, मौलाना मुफ्ती नजीर अहमद खादरी, षडाक्षरिमुनि स्वामी, शिवसिध्देश्वर स्वामी व सरकार सेवालाल स्वामी ने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर विधायक डीएस हूलगेरी, राघवेंद्र हिट्नाल, हसनसाब दोटिनाल, शिवराज तंगडगी, भैरती सुरेश, शिवरामेगौड़ा समेत अनेक लोग उपस्थित थे।
सुनना पसंद नहीं है तो चले जाओ
सिध्दरामय्या के अनंतकुमार हेगड़े को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शह थी कहने पर राज्य के भेड-बकरी एवं ऊन विकास निगम के अध्यक्ष शरणु तल्लिकेरी ने खड़े होकर विरोध व्यक्त किया तथा कहा कि प्रधानमंत्री की शह नहीं थी। अनंतकुमार हेगड़े का व्यक्तिगत बयान था। आप अपना बयान वापस लें। इस पर नाराज हुए सिध्दरामय्या ने कहा कि वे किसी भी कारण अपना बयान वापस नहीं लेंगे। सुनना पसंद नहीं हो तो उठकर चले जाएं। इस दौरान शरणु तल्लिकेरी मंच से उठकर चले गए। धर्मनिरपेक्ष, गैर राजनीति तौर पर संविधान संरक्षण सम्मेलन आयोजित करने की बात करने वाले आयोजकों ने शरणु तल्लिकेरी के चले जाने के बारे में कुछ भी नहीं कहा। सिध्दरामय्या के आने से पहले ही सांसद संगण्णा करडी, भाजपा जिलाध्यक्ष दोड्डनगौड़ा पाटील, कनकगिरी विधायक बसवराज दढेसूगूर मंच से उठकर चले गए थे। इसके चलते गैर राजनीतिक सम्मेलन कांग्रेस नेताओं से भरा रहा। बसवराज रायरेड्डी ने भी भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया।