बेलगावी. ठेकेदार संतोष पाटील के अंतिम संस्कार के दौरान मचे भारी हंगामा के बावजूद अंतिम संस्कार किया गया।
बडस गांव में संतोष पाटील के स्वामित्व की जमीन में ही उनका अंतिम संस्कार करने के लिए परिजनों ने पार्थिव शरीर लाया था। इस दौरान मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने, उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर कांग्रेस नेताओं ने संतोष की लाश रखकर प्रदर्शन किया। विधायक लक्ष्मी हेब्बालकर, विधान परिषद सदस्य चेन्नराज हट्टिहोली, कांग्रेस नेता अडिवेश इटगी तथा मृतक के परिजनों ने मुआवजे की घोषणा करने तक अंतिम संस्कार के लिए मौका नहीं देने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस पर आपत्ति जताते हुए संतोष के मामा ने कहा कि मृत्यु पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। संतोष को बचपन से हमने पाला है। पहले अंतिम संस्कार करेंगे बाद में आंदोलन करेंगे।

जबरन जेसीबी से मिट्टी डालने की कोशिश करने पर कांग्रेस नेता अडिवेश इटगी ने बाधा पहुंचाने की कोशिश की। स्थानीय निवासियों ने अडिवेश इटगी को जबरन वहां से दूसरी ओर ले गए। आखिर में जेसीबी के जरिए पार्थिव शरीर पर मिट्टी डालकर अंतिम संस्कार किया गया।
उडुपी से पुलिस सुरक्षा में संतोष की लाश को बेलगावी जिले के बडस गांव लाया गया। लाश को देखते ही परिजनों ने विलाप करना शुरू किया।
पुलिस व परिजनों के बीच हुई बहस
उडुपी से पुलिस सुरक्षा के जरिए लाए गए संतोष के पार्थिव शरीर को बेलगावी जिला तथा शहर पुलिस ने स्वीकार किया परन्तु पार्थिव शरीर के गांव रवाना होते ही मृतक के भाई बसनगौड़ा पाटील ने आरोपियों की गिर?तारी की जिद पर अड़ गए। बसनगौड़ा पाटील ने आरोपियों को गिर?तार करने की मांग को लेकर पुलिस आयुक्त कार्यालय के सामने प्रदर्शन करने के लिए लाश ले जाने का निर्णय किया। आयुक्त कार्यालय जाने वाले मार्ग मध्य में ही पुलिस ने इन्हें रोका। इस दौरान बसनगौड़ा पाटील तथा पुलिस के बीच बहस हुई।
आरोपियों की गिर?तारी की मांग पर अड़े बसनगौड़ा पाटील ने कहा कि चाहे तो आपके उच्च अधिकारियों से बात करें। इस दौरान पुलिस उपायुक्त रविंद्र गड़ाद ने उच्च अधिकारियों के साथ बात की। आरोपियों को गिर?तार करने का आश्वासन देने के चलते परिजनों ने फैसला वापस लिया।