विप सभापति के चुनाव में देरी से बढ़ सकती है होरट्टी की चुनौतियां
दिसंबर तक चुनाव टलने के आसार
हुब्बल्ली. मंत्रिमंडल ने विधान परिषद अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने पर सहमति जताई थी, इसके अलावा वरिष्ठ सदस्य बसवराज होरट्टी का चयन लगभग तय बताया जा रहा था परन्तु यह आशंका जताई जा रही है कि भाजपा नेताओं ने अचानक चयन प्रक्रिया को रोकने के जरिए होरट्टी को अस्थिर करने की कोशिश की है।
होरट्टी ने लगभग तीन दशकों के जनता परिवार के संबंधों को छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए और पश्चिमी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की। भाजपा में शामिल होने से पहले उन्होंने स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से विचार-विमर्श किया था। अगर वे पार्टी में शामिल होकर जात हासिल करते हैं तो उन्हें फिर से सभापति का पद देने का वादा किया गया था।
वर्तमान में भाजपा के रघुनाथ राव मल्कापुरे प्रभारी सभापति हैं। आमतौर पर विधान मंडल के सत्र के दौरान पूर्णकालिक सभापति चुना जाता है।
होरट्टी से किए गए वादे के तहत वर्तमान सत्र के दौरान ही सभापति की चयन प्रक्रिया हो जानी चाहिए थी। इसके पूरक तौर पर मंत्रिमंडल की बैठक में भी इस पर सहमति बनी थी। उम्मीद के तहत सभापति पद के लिए बसवराज होरट्टी तथा उपसभापति पद के लिए के. प्राणेश के नाम सुनाई दिए थे परन्तु अचानक हुए विकासक्रम ने सभापति पद की चयन प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न की है। कहा जा रहा है कि इसकी वजह प्रदेश अध्यक्ष नळिन कुमार कटील का निर्देश है।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक दिसंबर तक सभापति का चुनाव नहीं करने का फैसला किया गया है। सभापति के चुनाव को लेकर कुछ दिन पहले हुई भाजपा की बैठक में पार्टी के 31 में से 27 सदस्यों ने होरट्टी समर्थन में अपनी राय व्यक्त की है।
इनका कहना है
मुझे नहीं पता कि क्या घटनाक्रम हुआ है। पार्टी की ओर से लिए जाना वाला निर्णय ही अंतिम है। मैं इसके लिए प्रतिबद्ध रहूंगा।
– बसवराज होरट्टी, विधान परिषद के सदस्य