कर्नाटक में किसान सम्मान योजना से वंचित हुए 10 लाख किसानकिसान सम्मान योजना

54 लाख से अधिक पंजीकृत किसानों में से केवल 44.20 लाख किसानों को ही मिला योजना का लाभ

राज्य के 44.20 लाख से अधिक किसान लाभार्थियों को केन्द्र सरकार से कुल 884.01 करोड़ रुपए मंजूर

हुब्बल्ली. भूमि रिकॉर्ड की कमी, ईकेवाईसी समस्या और कर भुगतान सहित विभिन्न कारणों से राज्य में 10 लाख से अधिक किसान पीएम किसान सम्मान योजना से वंचित हैं।

राज्य में सबसे अधिक 54 लाख से अधिक किसान पंजीकृत हुए और योजना से लाभान्वित हुए। इनमें से केवल 44.20 लाख किसान ही इस योजना से लाभान्वित हुए।

प्रत्येक किस्त के दौरान किसानों की संख्या में उतार-चढ़ाव होता रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि किसान पंजीकरण एक सतत प्रक्रिया है, जिसमें पात्र लोगों को जोडऩे और अपात्र लोगों को हटाने की प्रक्रिया चलती रहती है। इसकी जांच गांव के नोडल अधिकारियों की ओर से की जाएगी।

2019 के बाद खाते खोलने वाले लाखों लोगों को इस योजना का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। इससे पहले, जिन किसानों के नाम से खाते थे, वे किसान संपर्क केंद्रों पर आधार और पैन के साथ फल (फ्रुट्स) आईडी प्रणाली में अपना नाम पंजीकृत करके ईकेवाईसी के साथ किसान सम्मान योजना का लाभ प्राप्त कर सकते थे।

कृषि विभाग का कहना है कि यदि योजना से लाभान्वित होने वाली भूमि के स्वामी की मृत्यु होने पर अन्य उत्तराधिकारियों को प्रोबेट खाता खोलने पर इस योजना के लिए पात्र होते थे परन्तु केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक 2019 के बाद जमीन खरीदने वाले इसके दायरे में नहीं आएंगे।

पात्र व्यक्तियों के साथ धोखाधड़ी नहीं की जाएगी

कृषि विभाग के निदेशक जी.टी. पुत्र ने बताया कि पीएम किसान सम्मान योजना के लिए पंजीकरण एक सतत प्रक्रिया है। अयोग्य को हटाने और योग्य को जोडऩे का काम हमेशा प्रगति पर रहता है। यदि किसी किसान का नाम तकनीकी खराबी या ई-केवाईसी संबंधी समस्याओं के कारण योजना सूची से हटा दिया जाता है, तो पुनर्विचार करने का मौका है। यह धनराशि पात्र लोगों को शेष राशि सहित दी जाएगी। इस योजना के तहत पात्र व्यक्तियों के साथ धोखाधड़ी नहीं की जाएगी।

पात्रता मापदंड

भूमि-स्वामित्व वाले संघ या संस्थाएं, पूर्व और वर्तमान संवैधानिक पद धारकों के परिवार के सदस्य, 10,000 रुपए या उससे अधिक पेंशन पाने वाले सेवानिवृत्त (ग्रुप डी को छोडक़र), जिन्होंने पिछले वर्ष आयकर का भुगतान किया है, तथा डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, लेखा परीक्षक, आर्किटेक्ट जैसे पेशेवर इस योजना के लिए अपात्र हैं। 25 अक्टूबर 2023 के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, जिन लोगों ने कम से कम तीन वर्षों तक आयकर का भुगतान किया है, वे इस योजना के लिए अपात्र होंगे।

राज्य के लाभार्थी

प्रधानमंत्री ने राज्य के 44.20 लाख से अधिक किसान लाभार्थियों के आधार-लिंक्ड बैंक खातों में केंद्र सरकार की ओर से कुल 884.01 करोड़ रुपए हस्तांतरित किए हैं।

परियोजना का उद्देश्य

खेती योग्य भूमि वाले सभी पात्र किसान परिवारों को कृषि गतिविधियों में बेहतर उपकरणों का उपयोग करके फसलों के स्वास्थ्य को बनाए रखने, उच्च उपज प्राप्त करने, तथा अपेक्षित आय उत्पन्न करने में मदद के लिए वार्षिक 6,000 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। 2,000 रुपए के हिसाब से तीन किस्तों में प्रति चार माह में एक बार अनुदान दिया जाता है।

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