10वां विश्व आयुर्वेद सम्मेलन 12 दिसंबर सेहुब्बल्ली के केएलई टेक हॉल में हुब्बल्ली आयुर्वेद सेवा समिति आयुर्वेद कॉलेज एवं अस्पताल की ओर से आयोजित सैटेलाइट सेमिनार के उद्घाटन करते हुए केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी।

 

50 देशों के 5000 आयुर्वेद विशेषज्ञों लेंगे भाग
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने दी जानकारी
हुब्बल्ली. केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने उत्तराखंड के देहरादून में 12 से 15 दिसंबर को 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस स्वास्थ्य सम्मेलन जागू प्रदर्शनी का आयोजन किया है।
शहर के केएलई टेक हॉल में हुब्बल्ली आयुर्वेद सेवा समिति आयुर्वेद कॉलेज एवं अस्पताल की ओर से आयोजित सैटेलाइट सेमिनार के उद्घाटन कर जोशी ने कहा कि केंद्रीय आयुष मंत्रालय की ओर से आयोजित इस सम्मेलन में 50 देशों के 5 हजार आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भाग लेंगे।
उन्होंने कहा कि इसी के एक भाग के तौर पर पूरे देश में 20 उपग्रह-आधारित सेमिनार आयोजित किए जा रहे हैं और आज का कार्यक्रम भी इसी का एक हिस्सा है। आयुर्वेद भारत की सबसे प्राचीन संस्कृति एवं चिकित्सा पद्धति भी है। भारत सरकार आयुष मंत्रालय के माध्यम से ऐसे आयुर्वेद को बढ़ावा देने और संरक्षित करने का काम कर रही है।
जोशी ने कहा कि केंद्रीय आयुष मंत्रालय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयुर्वेद के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए काम कर रहा है। परिणामस्वरूप हमारा भारतीय आयुर्वेद पूरे विश्व में फैल रहा है। 2014 में आयुर्वेद को इतना महत्व ही नहीं था। आयुर्वेदिक चिकित्सा का कारोबार केवल 24 हजार करोड़ रुपए का था। हमारी सरकार के सत्ता में आने के बाद अब यह 1.40 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। जो बजट 500 करोड़ रुपए था उसे अब 3 हजार करोड़ रुपए दिया गया है।

भारतीय उत्पादों की वैश्विक मांग

उन्होंने कहा कि पूर्व में भारत विश्व गुरु हुआ करता था। दोबारा विश्वगुरु बनने में कोई संदेह नहीं है। एक मजबूत देश के निर्माण के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। गुणवत्ता और स्वच्छता सहित सभी मानकों का पालन करने से भारत में निर्मित उत्पादों की वैश्विक मांग बढ़ रही है। हमारे बच्चे को एमबीबीएस सीट नहीं मिलने से आर्युवेद में आए हैं कहने के बजाए मेडिकल सीट छोड़ कर बीएएमएस में आ गए कहने का दौर निर्माण करना चाहिए। हमारे उत्पाद विदेशी ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं। बिजनेस भरोसे पर होता है। जल्द ही भारत मजबूत देशों के समूह में शामिल हो जाएगा।
कार्यक्रम में हुब्बल्ली आयुर्वेद सेवा समिति के अध्यक्ष गोविंद जोशी ने कहा कि दुनिया में आयुर्वेदिक उत्पादों की भारी मांग है। इसके चलते आयुर्वेद को और अधिक बढ़ावा देना चाहिए।
सचिव संजीव जोशी, आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एएस प्रशांत, आयुर्वेद महाविद्यालय के डॉ. जेआर जोशी, डॉ. प्रमोद कट्टी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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