जिले में 123 पेयजल इकाइयां बंदहुब्बल्ली के सीबीटी के पास रखरखाव की कमी से पड़ी स्वच्छ पेयजल इकाई।

रखरखाव की कमी

गर्मी की शुरुआत में ही जिले के कई हिस्सों में उपजी पेयजल समस्या

हुब्बल्ली. इस बार गर्मी की शुरुआत में ही तापमान बढ़ गया है, जिससे जिले के कुछ हिस्सों में पेयजल की समस्या पैदा हो गई है। जनता की पेयजल किल्लत दूर करने के लिए जिले में चयनित स्थानों पर स्थापित स्वच्छ पेयजल इकाइयां कुछ स्थानों पर खराब हो गई हैं, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। धारवाड़ जिले में कुल 123 पेयजल इकाइयां बंद हुई हैं।

जिले भर में कुल 467 पेयजल इकाइयां हैं। इनमें से 344 इकाइयां चालू हैं। विभिन्न कारणों से कुल 123 इकाइयां अनुपयोगी हैं, जिनमें 20 से 25 इकाइयां पानी की कमी के कारण तथा 40 से 50 इकाइयां ऐसी हैं जिन्हें स्थानांतरित करने की आवश्यकता है।

धारवाड़ ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यकारी अभियंता जगदीश पाटिल ने कहा कि पेयजल इकाई की स्थापना इस उद्देश्य से की गई है कि लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सके परन्तु रखरखाव की कमी, लोगों की ओर से पानी का उपयोग नहीं करने, सिक्का बूथों की कमी, पाइपलाइन की समस्या और कुछ स्वच्छ जल इकाइयों में कांच टूटने के कारण इकाइयों को बंद कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि संबंधित गांवों में लोगों की संख्या के आधार पर 500, 1,000, 1,500 और 2,000 लीटर की क्षमता वाली जल इकाइयां स्थापित की गई हैं। इससे पहले दो रुपए में 20 लीटर मिल रहा था। फिलहाल 5 रुपए में 20 लीटर पानी मिलता है। सरकारी मानकों के अनुसार इसमें हर साल एक रुपए की वृद्धि होनी चाहिए परन्तु जनता के विरोध के कारण इसमें वृद्धि नहीं की गई।

ग्राम पंचायतों का प्रबंधन

पाटिल ने कहा कि पहले स्वच्छ पेयजल इकाइयों का प्रबंधन ठेकेदारों को दिया जाता था। इस बार धारवाड़ ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ही इसका प्रबंधन कर रहा है परन्तु विभिन्न स्थानों पर ग्राम पंचायतें स्वयं रखरखाव के लिए आगे आने से कुल 100 इकाइयों के प्रबंधन की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को सौंपी गई है।

7 दिनों के भीतर मरम्मत

उन्होंने कहा कि स्वच्छ पेयजल संयंत्र विभिन्न कारणों से बंद हो रहे हैं। यदि कोई छोटी समस्या है तो उसे दो दिन के भीतर ठीक कर दिया जाएगा और यदि कोई बड़ी समस्या है तो उसे सात दिन के भीतर ठीक किया जाएगा।

संबंधित अधिकारी करें कार्रवाई

विद्यानगर निवासी शिवानी बी ने कहा कि इस समय गर्मी बढ़ गई है और बार-बार पानी पीने का मन कर रहा है। तीन-चार दिन बाद नल से छोड़े जाने वाला पानी पीने का मन नहीं करता परन्तु पीने का पानी हर छह से सात दिन में एक बार छोड़ा जा रहा है। इसलिए हम विद्यानगर स्थित शुद्धिकरण संयंत्र से पानी का उपयोग कर रहे थे परन्तु इस बीच इकाई क्षतिग्रस्त हो गई, इसलिए उन्हें पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। स्वच्छ इकाइयां गर्मियों के दौरान खराब न हों इस बारे में संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई करनी चाहिए।

अशुद्ध जल आपूर्ति!

सीबीटी बस स्टैंड के एक स्थानीय निवासी मुसताक तंडूर का कहना है कि यह केवल नाम मात्र की शुद्ध इकाई है। इसका पानी पीएंगे तो अस्पताल पहुंचना निश्चित है। यह बहुत अशुद्ध है। यहां तक कि पानी की टंकी भी साफ नहीं की जाती। कभी-कभी डाला गया सिक्का फंस जाता है और पानी बाहर नहीं आता। राजनीतिक प्रतिनिधियों से इसकी मरम्मत करने के लिए कहने पर वे यह कहकर टाल देते हैं कि यह हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। इसके चलते भले ही पास में ही संयंत्र होने के बाद भी यहां के निवासी दूर के संयंत्रों से पानी लाते हैं। महीने में तीन सप्ताह के लिए जल इकाई बंद रहती है। मरम्मत के साथ-साथ सफाई को भी प्राथमिकता देनी चाहिए।

ग्राम पंचायतों को दे रखरखाव की जिम्मेदारी

अलनावर तालुक की सभी इकाइयों को अच्छी स्थिति में बनाना चाहिए और रखरखाव की जिम्मेदारी संबंधित ग्राम पंचायतों को देनी चाहिए।
दस्तगीर हुनसीकट्टी, ग्राम पंचायत सदस्य, काशेनट्टी

40 से अधिक इकाइयां स्थानांतरित

जगदीश ने कहा कि जगह की कमी और इसका उपयोग करने वाले लोगों की कमी के कारण, कुल 40 से 50 इकाइयों को विभिन्न स्थानों पर स्थानांतरित करना है। यदि संबंधित गांव की ग्राम पंचायत उपयुक्त स्थान बताए तो हम स्थानांतरित करेंगे। स्वच्छ पेयजल इकाइयों के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिलने पर उनकी मरम्मत के लिए कार्रवाई की जाएगी।
-जगदीश पाटिल, कार्यकारी अभियंता, ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, धारवाड़

धारवाड़ जिले के स्वच्छ पेयजल इकाइयों की जानकारी

तालुक — कार्यरत — बंद — कुल
धारवाड़ — 63 — 67 — 130
हुब्बल्ली — 69 — 09 — 78
कलघटगी — 76 — 12 — 88
कुंदगोल — 70 — 18 — 88
नवलगुंद — 38 — 05 — 43
अलनावर — 06 — 11 — 17
अन्निगेरी — 22 — 01 — 23

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