कर्नाटक में 3 साल में बलात्कार के 1461 मामले दर्ज

सजा की दर शून्य

हुब्बल्ली. राज्य में बलात्कार के मामलों में सजा की दर घट रही है। गृह विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2023 से 2025 तक 1461 बलात्कार के मामले सामने आए है। इनमें से 1662 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है परन्तु सजा मात्र शून्य है।

हाल ही में कोप्पल में एक विदेशी महिला और एक स्थानीय महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। इस घटना ने राज्य को झकझोर कर रख दिया था। पुलिस विभाग ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है परन्तु ऐसी घटनाओं का बार-बार होना चिंता का विषय है।

सजा की दर निराशाजनक

राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) ने राज्य में बलात्कार के मामलों से संबंधित आंकड़े जारी किए हैं। बलात्कार के मामलों में सजा की दर 2021 में 11.7 प्रतिशत, 2022 में 8.4 प्रतिशत और 2023 में 23.6 प्रतिशत रही। बलात्कार के मामलों में सख्त सजा मिलने पर ही ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है परन्तु राज्य के आंकड़ों पर नजर डालें तो सजा की दर निराशाजनक है।

बलात्कार के मामलों में दोषसिद्धि की कम दर के मुख्य कारण

-अधिकांश मामलों में आरोपी और पीडि़त पक्ष बातचीत के माध्यम से समझौता कर लेते हैं।

-अदालती सुनवाई के दौरान प्रतिकूल गवाही देना।

-बलात्कार के मामलों में अदालती सुनवाई में उपस्थित होने से इनकार करना।

साहस पैदा करने के लिए किए जा रहे उपाय

-इस संदर्भ में, प्रताडि़त महिलाओं को एक ही छत के नीचे चिकित्सा उपचार, परामर्श और कानूनी सहायता प्रदान की जा रही है।

-वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए धारा 164 सीआरपीसी के तहत न्यायाधीश के समक्ष दिए गए बयानों की रिकॉर्डिंग आदि जैसी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।

-जांच की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए 206 सीन ऑफ क्राइम (एसओसीओ) अधिकारियों की नियुक्ति कर उन्हें सभी इकाइयों में तैनात किया गया है।

गृह विभाग ने कहा कि आने वाले दिनों में 500 एसओसीओ अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी, जो अपराध स्थलों पर जांच के लिए साक्ष्य एकत्र करेंगे और अदालत में तथ्यों के आधार पर आपराधिक मामलों में अपराधियों को दोषी ठहराने में मदद करेंगे।

बलात्कार मामलों के आंकड़े

वर्ष — दर्ज मामले — सजा — अदालत में लंबित — बरी हुए
2023 — 601 — 0 — 446 — 33
2024 — 601 — 0 — 461 — 07
2025 — 124 — 0 — 02 — 0

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