नि:शुल्क शिविर 2 अक्टूबर को

हुब्बल्ली. ऑल इंडिया जैन यूथ फेडरेशन के महावीर लिम्ब सेंटर की ओर से 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जयंती को अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाएगा। अहिंसा दिवस के एक भाग के तौर पर उस दिन नि:शुल्क कृत्रिम पैर जोड़ने के शिविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर में 150 विकलांग लोगों को कृत्रिम पैर लगाए जाएंगे।

महावीर लिम्ब सेंटर में शुक्रवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में फेडरेशन के संस्थापक अध्यक्ष महेंद्र सिंघी ने कहा कि इस शिविर का उद्घाटन के लिए धर्मस्थल के धर्माधिकारी पद्म विभूषण वीरेंद्र हेग्गड़े, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर, राज्यसभा सदस्य लहरसिंह सिरोया और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया जैन यूथ फेडरेशन का महावीर लिम्ब सेंटर, हुब्बल्ली में एकमात्र ऐसा संगठन है जो उत्तर कर्नाटक, हैदराबाद कर्नाटक, कल्याण कर्नाटक और तटीय कर्नाटक में शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों को मुफ्त कृत्रिम पैर प्रदान करता है। कर्नाटक के इस हिस्से में ऑल इंडिया जैन यूथ फेडरेशन के महावीर लिम्ब सेंटर के माध्यम से मानवीय सेवा कार्य की एक मौन क्रांति हो रही है। कृत्रिम पैर जो आत्म सम्मान और स्वाभिमान लाता है।

उन्होंने कहा कि जीवन में होने वाली आकस्मिक घटनाओं, अर्थात दुर्घटनाओं, विद्युत दुर्घटनाओं, मधुमेह, गैंग्रीन, आदि के कारण सर्पदंश और परजीवी के कारण अपने हाथ और पैर खो चुके लोगों को कृत्रिम पैर दान करने के अच्छे इरादे से, और उनमें आत्म-सम्मान, स्वाभिमान और नई चेतना का संचार करना इस शिविर का उद्देश्य है।
सिंघी ने कहा कि आचार्य अजितशेखरसूरीश्वर आदि ठाणा के सानिध्य में शिविर आयोजित किया गया है। लक्षमेश्वर और हुब्बल्ली के सेहलोत परिवार की ओर उनकी मां स्व. सरस्वती देवी और पिता हंसराज सेहलोत की स्मृति में 2 अक्टूबर को सुबह 10 बजे संस्कार इंग्लिश मीडियम स्कूल के प्रांगण में इस विशाल नि:शुल्क कृत्रिम पैर लगाने के शिविर का आयोजन किया गया।
उन्होंने कहा कि हुब्बल्ली में समान विचारधारा वाले युवाओं के प्रयासों के परिणामस्वरूप ऑल इंडिया जैन यूथ फेडरेशन के महावीर लिम्ब सेंटर का गठन किया गया है। कई मठाधीशों की प्रेरणा और विभिन्न संगठनों जैसे लायंस क्लब, रोटरी क्लब, इनर व्हील क्लब, राउंड टेबल क्लब और अन्य संगठनों की ओर से दिए गए सहयोग से कृत्रिम पैर प्रदान करने के जरिए संगठन की गतिविधियां राज्य भर में फैली हुई हैं। विकलांगों के लिए पैर। जियो और जीने दो के अनुसार विकलांगों के लिए कृत्रिम पैर सेवा का कार्य चल रहा है।
सिंघी ने कहा कि यह गर्व की बात है कि अब देश के विभिन्न हिस्सों से खुल उपकरणों को मंगवाकर स्थानीय सामग्रियों से के साथ हुब्बल्ली के किम्सा परिसर में कृत्रिम पैरों को तैयार किया जा रहा है। प्लास्टर ऑफ पेरिस, कपास, पट्टी, मोजे, उच्च घनत्व वाले प्लास्टिक पाइप, नट, बोल्ट संलग्न कर यपुर रबर के पैर लगाकर इन हाथों और पैरों को बनाया जाता है। इनका वजन मात्र 350 से 500 ग्राम ही होता है।
उन्होंने कहा कि कृत्रिम पैर लगवाने वाले एक दिन के प्रशिक्षण के बाद एक सामान्य इंसान की तरह चल सकते हैं। साइकिल चला सकते हैं, दुपहिया, कार, ट्रैक्टर, ट्रक चला सकते हैं, तैर सकते हैं, फार्म हाउस में काम कर सकते हैं। पेड़ों पर चढ़ सकते हैं, वे दूसरों की मदद के बिना पानी ले जा सकते हैं और इसी तरह कई कार्यों को बिना किसी की मदद के कर सकते हैं। इस प्रकार महावीर लिम्ब सेंटर विकलांगों को स्वाभिमान का जीवन जीने में मदद कर रहा है। कृत्रिम पैर लगाने का काम यहां बिना किसी उम्र की प्रतिबंध के किया जाता है, 3 साल के बच्चे से लेकर 85-90 साल के लोगों तक कृत्रिम पैर लगाने का कार्य किया जाता है। इन कृत्रिम पैरों के लिए बहुत मांग है।
सिंघी ने कहा कि ऑल इंडिया जैन यूथ फेडरेशन का महावीर लिम्बा सेंटर जनवरी 1997 में शुरू हुआ। महावीर लिम्ब सेंटर के कृत्रिम पैर फिटिंग शिविर ने अब तक महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, गोवा, तेलंगाना आदि सहित राज्य भर में 230 से अधिक शिविरों का आोजित कर 43,000 से अधिक विकलांगों को कृत्रिम पैर लगाया है। यह हजारों हैं विकलांगों के लिए एक वरदान बना हुआ है और स्वाभिमानी जीवन प्रदान करने की मौन क्रांति कर रहा है। आम जनता को कृत्रिम पैर आसानी से उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हुब्बल्ली के किम्स में स्थायी रूप से महावीर कृत्रिम पैर फिटिंग संस्थान की स्थापना की गई है।
उन्होंने कहा कि महावीर लिम्ब सेंटर में कृत्रिम पैर के लिए आए कुछ विकलांग लोगों ने वह हासिल किया है जो आम लोग नहीं कर सकते। महावीर लिम्ब सेंटर आशा का केंद्र है जो विकलांगों के जीवन में एक नई रोशनी बिखेर रहा है। इसके अलावा इस केंद्र में ऐसे भी लोग हैं जो कृत्रिम पैर लगवाकर केंद्र में ही अन्य विकलांगों के लिए कृत्रिम पैर बनाने का काम कर रहे हैं। महावीर लिम्ब सेंटर में विकलांगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने और उनके परिवारों को सहारा देने का कार्य किया जा रहा है।
सिंघी ने कहा कि एक कृत्रिम पैर के निर्माण की लागत 5000 से 6000 रुपए आती है। दानदाताओं, शुभचिंतकों और संपन्न लोग अपने जन्मदिन और अन्य शुभ अवसरों पर विकलांगों को कृत्रिम पैर और हाथ लगाने की खातिर लगने वाली लागत का वहन करके मदद के लिए आगे आना चाहिए। विकलांगों के कल्याण के लिए मदद का हाथ बढ़ाना चाहिए। इस नेक काम में अब तक हजारों लोगों ने अपना योगदान दिया है। अधिक से अधिक लोगों को हाथ मिलाने की जरूरत है। 2500 रुपए के दान करने पर एक कृत्रिम पैर लगाया जाएगा। 15000 रुपए दान करने पर 15 साल तक हर साल एक कृत्रिम पैर को दानदाता की पसंद के जन्मदिन, शादी की सालगिरह या किसी प्रियजन की याद में उनकी ओर से चयनीत दिन में वितरित किया जाएगा।
पुरस्कार
ऑल इंडिया जैन यूथ फेडरेशन हुब्बल्ली ने 25 वर्षों से समाज सेवा और मानवीय कार्य कर रहा है और इस संगठन के सेवा कार्य को मान्यता देते हुए कर्नाटक सरकार की ओर से मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने वर्ष 2021 में राज्य के प्रतिष्ठित पुरस्कार “कर्नाटक राज्योत्सव राज्य पुरस्कार” से सम्मानित किया है।
सिंघी ने मुख्यमंत्री बोम्मई से हुब्बल्ली-धारवाड़ शहरी विकास प्राधिकरण की ओर से दिए गए सीए साइट पर महावीर लिंब सेंटर अहिंसा भवन कृत्रिम पैर लगाने के केंद्र के स्थायी भवन निर्माण के लिए सरकार से एक करोड़ रुपए का अनुदान देने की मांग की। साथ ही जब तक एक स्थायी भवन नहीं बन जाता तब तक किम्स प्रबंधन मंडल की ओर से बारिश के मौसम में कृत्रिम पैर लगवाने के लिए आने वाले दिव्यांगों की सुविधा की खातिर अस्थायी शेड बनाने की मांग की है। इसके अलावा किम्स के निदेशक से सेवा कार्य गतिविधियों के लिए आवश्यक शेड की व्यवस्था, अन्य सुविधाओं की व्यवस्था के लिए सहयोग करने की मांग की है।
संवाददाता सम्मेलन में लिंब सेंटर के चेयरमैन गौतम गोलेछा, सचिव प्रकाश कटारिया, उपाध्यक्ष अशोक कोठारी, निर्मल जैन, कोषाध्यक्ष मानव संघवी, पूर्व अध्यक्ष गोतम बाफना, कांतीलाल बोहरा, नितेश जैन, सुनिल भूरट, सुभाष चन्द्र डंक शिविर लाभार्थी परिवार के ललीत सेहलोत सहित अन्य मौजूद थे।

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