धारवाड़ में 9 बालक, 106 लड़कियों की रक्षा
सरकार ने उठाए कई कदम, फिर में नहीं नियंत्रण
जागरूकता पैदा की जा रही है
हुब्बल्ली. धारवाड़ जिले में पांच साल में बाल विवाह के 23 मामले सामने आए हैं। सरकार की ओर से बाल विवाह रोकने के लिए कई कदम उठाने के बाद भी नियंत्रण में नहीं आने की शिकायतें हैं।
जागरूकता पैदा की जा रही है कि स्कूली शिक्षा हासिल कर अपने भविष्य के बारे में सपने देखना शुरू करने वाले बच्चों को 18 साल की उम्र से पहले ही विवाह करना गैरकानूनी है परन्तु अक्सर बाल विवाह प्रकाश में आते रहते हैं।

115 मामलों की रोकथाम
जिला बाल संरक्षण अधिकारियों का कहना है कि बाल विवाह की शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई करने वाले जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारियों ने पांच साल की अवधि में 115 बाल विवाह रोके हैं। जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग, चाइल्ड हेल्पलाइन और पुलिस की टीम बाल विवाह की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करती है। यदि इससे पहले ही विवाह होने पर दोषियों के खिलाफ बाल विवाह रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाता।

विवाह रोकथाम के लिए लडक़ी ने की शिकायत
गदग जिले के एक गांव की एक लडक़ी का जमखंडी तालुक के एक गांव के एक व्यक्ति से बाल विवाह कराया गया था, हाल ही में हुब्बल्ली ग्रामीण थाने में मामला दर्ज किया गया था। लडक़ी ने शिकायत की कि थी कि उसे एक अन्य धर्म के व्यक्ति के साथ बाल विवाह के लिए मजबूर किया गया था। लडक़ी ने गदग के ग्रामीण पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। बाद में इसे हुब्बल्ली ग्रामीण पुलिस थाने में स्थानांतरित किया गया था।।

रोकथाम के लिए बच्चे ही आ रहे आगे
अधिकारियों ने बताया कि बाल विवाह को रोकने के लिए बच्चे ही आगे आना चाहिए इस उद्देश्य से हाई स्कूल, कॉलेजों, महिला स्वयं सहायता संघों और छात्रावासों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। परिणामस्वरूप बच्चे खुद शिकायत करने के लिए आगे आ रहे हैं, जो अच्छा विकास है।

दो साल की सजा
अधिकारी ने बताया कि बाल विवाह का प्रयास पाए जाने पर चाइल्ड हेल्पलाइन संख्या 1098 सीडीपीओ या जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय के टेलीफोन नंबर 0836-2742420 पर कॉल करके जानकारी दी जा सकती है। बाल विवाह के मामलों को रोककर उनके अभिभावकों की ओर से शपथ पत्र लिखवाया जाएगा। अगर इसे पार करने पर हम कानूनी कार्रवाई करेंगे। कानून में बाल विवाह के लिए अधिकतम 2 साल की कैद और एक लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।

106 लड़कियों को बचाया गया
18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को बाल विवाह के लिए मजबूर किया जाना आम बात है, तो 21 वर्ष से कम उम्र के लडक़ों को भी विवाह बंधन में बांधा जा रहा है। पांच साल में 9 लडक़ोंं को बाल विवाह से रोका गया है। 106 लड़कियों को बचाया गया है।
-नीता वाडकर, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, धारवाड़

दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा
सामूहिक विवाह में भी बाल विवाह की संभावना रहती है। हमारी सूचना के बिना विवाहित या गर्भवती होने पर ताई कार्ड लेने के लिए आने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के जरिए ऐसे मामलों का पता लगाया जाता है। इसके चलते कोई भी ऐसी शादियां करते समय, ताई (मातृत्व) कार्ड लेने के लिए आने ने पर अनिवार्य रूप से उसकी जन्मतिथि दर्शाने वाले कुछ दस्तावेज अवश्य लेने चाहिए। इसे पार करके भी बाल विवाह होने की पुष्टि होने पर इसे रोका जाएगा। दोषियों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया जाएगा।
-मुहम्मद अली तहसीलदार, इकाई के क्षेत्र कार्यकर्ता

पांच वर्षों के दौरान बाल विवाह के मामलों की संख्या (21 दिसंबर तक)
वर्ष — हुए विवाह — विवाह रोका गया
2019-20 — 01 — 25
2020-21 — 01 — 26
2021-22 — 11 — 23
2022-23 — 07 — 22
2023-24 — 03 — 19
कुल — 23 — 115

 

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