हर घर 24 घंटे पानी की आपूर्ति प्रारंभकोडी पंचायत भवन।

पायलट प्रोजेक्ट के तहत हर घर पानी की आपूर्ति सुनिश्चित

कोडी ग्राम पंचायत में जलजीवन मिशन

पायलट प्रोजेक्ट के तहत डिजिटल बिलिंग प्रणाली लागू

पानी की वसूली और बचत सुनिश्चित

उडुपी. ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पीने के पानी की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जलजीवन मिशन के तहत कोडी ग्राम पंचायत में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। यह करावली का एकमात्र पंचायत है जिसे प्रयोगात्मक योजना के लिए चुना गया है।

विश्व बैंक के सहयोग से चल रहे इस मिशन के तहत हर घर को लगातार पानी उपलब्ध कराना अनिवार्य है। राज्य के अन्य हिस्सों में कुछ पंचायतों में पहले ही इसका परीक्षण किया जा चुका है। दावणगेरे जिले में 31 पंचायतों को परियोजना के लिए चुना गया है।

योजना का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण घरों तक बिना रुकावट के शुद्ध पीने का पानी पहुंचाना है। नलजल मीटर के माध्यम से बिल वसूली की जाएगी और पानी के अपव्यय को रोका जाएगा।

पानी का अपव्यय कम हुआ

कोडी पंचायत में परियोजना शुरू हो चुकी है। शुरुआती दिनों में बिल भुगतान में देरी और पानी का अपव्यय देखा गया। इसे सुधारने के लिए पंचायत ने डिजिटल ऐप लागू किया है। ऐप के माध्यम से हर घर का बिल, पिछला बकाया और कुल राशि मोबाइल पर दर्ज किया जाता है। प्रिंट आउट लेने पर विद्युत बिल जैसी रसीद निकलती है और सारी जानकारी पंचायत के कंप्यूटर में अपलोड हो जाती है। इस डिजिटल प्रणाली से 100 फीसदी बिल वसूली सुनिश्चित हुई और पानी का अपव्यय कम हुआ है।

पानी की उपलब्धता के लिए संघर्ष

कोडी पंचायत में पहले पानी की गंभीर समस्या थी। समुद्र और खारे पानी के आसपास होने के कारण पीने का पानी उपलब्ध कराना चुनौतीपूर्ण था। ग्रामवासियों ने जिला प्रशासन तक कई आंदोलनों और धरनों के माध्यम से पानी की मांग की थी।

प्रयोग सफल

पिछले कुछ दिनों से पंचायत क्षेत्र में बिजली समस्या और बड़े स्तर पर पाइपलाइन मरम्मत को छोडक़र अन्य सभी समयों में 24 घंटे पेयजल आपूर्ति की जा रही है। जिले में सबसे पहले हमारी ग्राम पंचायत को इस योजना के लिए चुना गया है, यह हमारे लिए गर्व और खुशी की बात है।
रवींद्र राव, पीडीओ, कोडी ग्राम पंचायत

दो वर्षों में जिलेभर में लागू होगी योजना

जिले में सबसे पहले कोडी ग्राम पंचायत में निरंतर पेयजल आपूर्ति योजना लागू की गई है। इस योजना को चरणबद्ध तरीके से अगले दो वर्षों में सभी ग्राम पंचायतों में लागू किया जाएगा।
प्रतीक बायल, सीईओ, उडुपी जिला पंचायत

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