भूसार मृदा परीक्षण में महत्वपूर्ण उपलब्धि
कुल 1.89 लाख मिट्टी के नमूनों का विश्लेषण, 1.334 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित
मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में मदद के लिए मृदा परीक्षण
हुब्बल्ली. कृषि विभाग भूसार मृदा परीक्षण एप के माध्यम से लक्ष्य को पार करने की ओर अग्रसर है। चालू वर्ष में 4.76 लाख मिट्टी के नमूनों के लक्ष्य में से 4.34 लाख मिट्टी के नमूने पहले ही एकत्र किए जा चुके हैं।
अगस्त से अब तक 4.34 लाख मिट्टी के नमूने एकत्र किए गए हैं, कुल 1.89 लाख मिट्टी के नमूनों का विश्लेषण कर 1.334 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए हैं। अच्छे कार्य के लिए कृषि विभाग में कार्यरत 29 मृदा स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं में से 26 प्रयोगशालाओं ने एनएबीएल की ओर से मान्यता प्राप्त की है।
मिट्टी एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न-भिन्न होती है। कर्नाटक में लाल मिट्टी 34 प्रतिशत, काली मिट्टी 23 प्रतिशत, जम्बू ईंट मिट्टी 20 प्रतिशत, जलोढ़ मिट्टी 12 प्रतिशत, तटीय जलोढ़ मिट्टी 4 प्रतिशत इस तरह मिट्टी के कई प्रकार हैं। इस मिट्टी में रागी, मक्का और अनाज सहित विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं।
इन फसलों को पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए राज्य में उर्वरकों के उपयोग की दर साल दर साल बढ़ रही है, जो पिछले 20 वर्षों की तुलना में अब दोगुनी हो गई है। इसके चलते मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में मदद के लिए मिट्टी का परीक्षण किया जा रहा है।
मृदा परीक्षण के लाभ
कृषि भूमि में किस कारक की वृद्धि हुई है? कौन सा तत्व कम है। निदान क्या है? किस प्रकार की भूमि पर कौन सी फसल उगाई जा सकती है और किसकी अच्छी पैदावार होगी, इसका पता लगाकर किसानों को समय पर जानकारी दी जाएगी। इसके चलते भूसार मृदा परीक्षण एप किसानों के लिए अधिक सुविधाजनक है।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिए जाते हैं
कृषि विभाग के कर्मचारी संबंधित जिलों और तालुकों में किसानों की कृषि भूमि का दौरा कर प्रत्येक किसान/सर्वेक्षण संख्या के लिए एक एकड़ भूमि का प्रतिनिधित्व करते हुए 4-5 भागों में मिट्टी एकत्र करते हैं। मृदा स्वास्थ्य का परीक्षण कर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिए जाते हैं। एक बार जांची गई मिट्टी की गुणवत्ता तीन साल की अवधि के लिए वैध होती है।
मृदा कार्ड पर उर्वरक की सिफारिश
राज्य भर में भूसार मोबाइल एप के जरिए मिट्टी के नमूनों को गांवों के भूकर मानचित्रों (कैडेस्ट्रल नक्शा) का उपयोग करके मिट्टी के नमूने एकत्र की जाने वाली भूमि का भौगोलिक विवरण तथा संबंधित किसानों का विवरण फ्रूट्स सॉफ्टवेयर से प्राप्त किया जाएगा। फसल विवरण, सिंचाई विवरण और मिट्टी के विभिन्न विवरणों के साथ फोटो और वीडियो जानकारी दर्ज की जाती है। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से एकत्र किए गए मिट्टी के नमूनों के लिए पृथक आईडी बनाई जाती है। व्यक्तिगत आईडी के बदले में, मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं में विश्लेषण किए गए मृदा परीक्षण परिणामों को किसानों की जानकारी के साथ मिलाकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड तैयार किए जाते हैं।
एकत्रित मिट्टी के नमूनों में रस, लवणता, जैविक कार्बन, नाइट्रोजन जैसे कुल 12 मानदंडों के विश्लेषण परिणामों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड में दर्ज किया जाता है, जिसके आधार पर किसानों की ओर से चयनित फसलें उगाने के लिए पौधों के पोषक तत्वों, जैविक खाद और विभिन्न ग्रेड के उर्वरकों की मात्रा की सिफारिश को शामिल किया जाता है।
फसल उत्पादन बढ़ाने में मिलेगी मदद
पहले की मृदा परीक्षण एप को नया रूप दिया गया है और इसे भूसार नाम से विकसित किया गया है। विभाग की ओर से ही किसानों की कृषि भूमि से मिट्टी के नमूने एकत्र कर परीक्षण किया जाएगा। इससे मृदा स्वास्थ्य की सुरक्षा के साथ-साथ फसल उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। कृषि विभाग की ओर से मिट्टी परीक्षण से पहले ही अपनी भूमि की मिट्टी का परीक्षण कराना चाहने वाले किसान अपने नजदीकी किसान संपर्क केंद्रों पर आवेदन कर सकते हैं।
-डॉ. जीटी पुत्र, निदेशक, कृषि विभाग, बेंगलूरु