दक्षिण कन्नड़ में 6 हजार बच्चे दृष्टि दोष से पीड़ित!दक्षिण कन्नड़ में 6 हजार बच्चे दृष्टि दोष से पीड़ित!

5,000 बच्चों को चश्मे की जरूरत 

बच्चों में मोबाइल फोन के बढ़ते इस्तेमाल से दृष्टि और मानसिक समस्याओं की बढ़ रही गंभीरता

मेंगलूरु. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि दक्षिण कन्नड़ में 6,000 बच्चों में दृष्टि संबंधी समस्या का पता चला है, जिनमें लगभग 5,000 बच्चों के लिए चश्मा अनिवार्य है। यह समस्या सभी बच्चों में देखी गई है, चाहे वे सरकारी या निजी स्कूल में हों। मोबाइल फोन का व्यापक उपयोग इसका एक बड़ा कारण है।

6 से 16 वर्ष की आयु के बच्चों में दृष्टि संबंधी समस्याएं बढ़ी हैं, और जबकि कुछ बच्चों में हल्की दृष्टि संबंधी समस्याएं हैं, तो वहीं कुछ अन्य को उपचार की आवश्यकता है। अभिभावकों की ओर से मोबाइल फोन का उपयोग सीमित करने की बार-बार चेतावनी के बावजूद, कई बच्चे इस सलाह को अनदेखा करना जारी रख रहे हैं। इससे छोटे बच्चों में दृष्टि संबंधी समस्याओं की गंभीरता बढ़ रही है। कोविड के बाद, बच्चों में मोबाइल फोन की लत साल दर साल बढ़ती जा रही है। आंखों की खराबी की समस्या के साथ-साथ दर्जनों स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां चिंता का विषय बन गई हैं।

छात्रों को परेशान कर रही मनोवैज्ञानिक समस्याएं

दक्षिण कन्नड़ जिले में बच्चों में देखी जा रही मानसिक समस्याओं, खासकर मोबाइल की लत को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मनोस्थैर्य (मानसिक स्थिरता) नामक कार्यक्रम शुरू किया है। शिक्षा विभाग की ओर से इस मुद्दे पर अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। शिक्षकों और विभाग के कर्मचारियों के लिए इससे संबंधित कार्यशालाएं लगातार आयोजित की जा रही हैं परन्तु यह विडंबना है कि जिले में इस तरह की मानसिक समस्याओं से पीडि़त बच्चों की सही संख्या खुद शिक्षा विभाग के पास भी नहीं है।

मोबाइल के आदी हो रहे हैं बच्चे

मोबाइल की लत को कम करने के लिए कई तरह की रणनीतियां तैयार किए जाने के बावजूद बच्चे इसके आदी हो रहे हैं। उन्हें मोबाइल की दुनिया से दूर करना भी बहुत मुश्किल होता जा रहा है। मोबाइल फोन देते समय सावधानी बरतना ही इसका एकमात्र उपाय है।
डॉ. सुदर्शन, अधिकारी, मनोस्थैय कार्यक्रम

कई समस्याएं पैदा करे हैं मोबाइल फोन

बहुत से अभिभावक अपने बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रखने के लिए काउंसलिंग के लिए आ रहे हैं। यह बहुत चिंताजनक है कि मोबाइल फोन न केवल आंखों और मानसिक समस्याओं का कारण बन रहे हैं, बल्कि बच्चों में बुद्धि, अनिद्रा और भाषा विकास सहित कई अन्य समस्याएं भी पैदा कर रहे हैं।
डॉ. किरण कुमार पी.के., मनोवैज्ञानिक, मेंगलूरु

कम नहीं हो रहा मोबाइल फोन का इस्तेमाल

स्कूलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है परन्तु बच्चे घर पर या कहीं और इसका अधिक इस्तेमाल करते हैं। शिक्षक स्कूलों में मोबाइल फोन के लगातार इस्तेमाल को रोकने के लिए जागरूकता और जानकारी दे रहे है परन्तु यह एक दुखद तथ्य है कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल कम नहीं हो रहा है।
गोविंद मडिवाल, उप निदेशक, सार्वजनिक शिक्षा और साक्षरता विभाग

दक्षिण कन्नड़ जिले के स्कूलों का नजारा

पहली से दसवीं कक्षा तक के छात्रों की संख्या

बंटवाल क्षेत्र – 62,744
बेलतंगडी क्षेत्र – 40,217
मेंगलूरु उत्तर क्षेत्र – 67,214
मेंगलूरु दक्षिण क्षेत्र – 69,312
मूडुबिदिरे क्षेत्र – 21,215
पुत्तूर क्षेत्र – 47,386
सुल्या क्षेत्र – 19,871
कुल – 3,27,959

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