स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई
हुब्बल्ली. राज्य में फर्जी डॉक्टरों का आतंक चरम सीमा पार कर चुका है और वे आम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। इसका सबूत यह है कि एक साल में राज्य में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने 623 फर्जी डॉक्टरों को पकड़ा है।
स्वास्थ्य विभाग ने कर्नाटक में फर्जी डॉक्टरों पर नकेल कसने के लिए कई कदम उठाए हैं, इसके बावजूद फर्जी क्लीनिक खुलना जारी हैं।
इस बात की चिंता है कि फर्जी डॉक्टरों की ओर से किए गए अवैज्ञानिक उपचार के प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने एक साल में 623 फर्जी डॉक्टरों का पता लगाया है। इनमें से 89 फर्जी डॉक्टरों पर जुर्माना लगाया गया है। 163 क्लीनिकों को नोटिस जारी किए गए हैं तथा 193 क्लीनिक बंद कर दिए गए हैं। 142 क्लीनिक जब्त कर लिए गए हैं। इसके अलावा 2 साल में फर्जी आयुर्वेदिक इलाज के नाम पर हजारों रुपए एंटने के 833 मामले दर्ज किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए पूरे प्रदेश में फर्जी डॉक्टरों पर नजर रखनी शुरू कर दी है।
उत्तर कर्नाटक में सबसे अधिक
कोलार और तुमकुर में सबसे ज्यादा फर्जी डॉक्टर पकड़े गए हैं। अधिकांश फर्जी डॉक्टर उत्तर कर्नाटक में पाए गए, जिनमें विजयनगर, रायचूर, कलबुर्गी, कोप्पल और बागलकोट शामिल हैं।
समिति गठन
फर्जी डॉक्टरों की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए प्रत्येक जिले में पंजीकरण एवं शिकायत निवारण प्राधिकरण समिति का गठन किया गया है। जिलाधिकारी समिति के अध्यक्ष हैं तथा जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी समिति के सदस्य सचिव हैं।
फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ अभियान
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लगातार फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। निरीक्षण के दौरान यदि फर्जी डॉक्टर पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। कानून के अनुसार ऐसे लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
–हर्ष गुप्ता, मुख्य सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग