राज्य में 1.53 करोड़ असंगठित श्रमिक
बल्लारी. श्रम मंत्री संतोष एस लाड ने कहा कि मजदूर केवल कारखानों में काम करने वाले लोग नहीं हैं। इस देश में कार्यरत 83 प्रतिशत आबादी में 91 श्रेणियों के असंगठित श्रमिक हैं।
वे शनिवार को बल्लारी में जिले के असंगठित श्रमिकों की विभिन्न श्रेणियों को स्मार्ट कार्ड वितरित करने तथा विभिन्न योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन कर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि उन्हें राज्य में बीआर अंबेडकर श्रम सहायता योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। राज्य में 1.53 करोड़ असंगठित श्रमिक हैं। जिनमें से 1.06 लाख असंगठित श्रमिक पंजीकृत हैं। उन्हें स्मार्ट आईडी कार्ड दिए गए हैं। यदि वे किसी दुर्घटना में मर जाते हैं, तो उन्हें 1 लाख रुपए का वित्तीय मुआवजा मिलेगा।
लाड ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री से डीजल और पेट्रोल पर लगने वाले उपकर का 1 प्रतिशत श्रम विकास के लिए देने को कहा है। इससे 150 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे।
उन्होंने कहा कि निजी परिवहन प्रणाली में मरने वाले व्यक्ति को 5 लाख रुपये दिए जाएंगे, जिसमें 7.5 लाख परिवार शामिल हैं। केंद्र सरकार ने श्रमिकों की सुरक्षा के लिए मात्र 40 लाख डॉलर आवंटित किए हैं। यह पर्याप्त नहीं है। बिहार के एक जिले में प्रति व्यक्ति आय मात्र 43 हजार रुपए है। कहा जाता है कि देश में प्रति व्यक्ति आय 220 डॉलर है, परन्तु इसमें अडानी और अंबानी की आय भी शामिल है। हकीकत में हमारी प्रति व्यक्ति आय 180 डालर से अधिक नहीं है। इसलिए हमारी सरकार लोगों की आय बढ़ाने के लिए गारंटी योजनाओं के माध्यम से अगले पांच वर्षों में प्रत्येक परिवार को तीन लाख रुपए देगी। आशादीप योजना के तहत दो साल तक हर महीने प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले एससी और एसटी युवाओं को 7 हजार रुपए प्रति माह दिए जा रहे हैं, जो देश में अपनी तरह की पहली योजना है।
