
मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या से चिंता
सोच यह: किसी भी नई शुरुआत के लिए अशिक्षा कभी बाधा नहीं बन सकती
हुब्बल्ली. धारवाड़ जिले में डेंगू के मामले दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। डेंगू को नियंत्रित करने के लिए किए जाने वाले एहतियाती उपायों के बारे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरूकता पैदा करने के बावजूद साल दर साल मामलों की संख्या बढ़ रही है, जिससे लोग चिंतित हैं। मौजूदा जनवरी से अप्रेल के अंत तक 560 लोगों में डेंगू के लक्षण पाए गए हैं, जिनमें से 504 डेंगू संदिग्धों के रक्त की जांच की गई है। इसमें 54 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। धारवाड़ में 8, धारवाड़ शहर में 20, हुब्बल्ली में 4, हुब्बल्ली शहर में 13, कलघटगी में 2, कुंदगोल में 4, नवलगुंद में 3 मामले दर्ज किए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक कोरोना के चलते 2020 में डेंगू के केवल 36 मामले दर्ज हुए थे परन्तु सबसे ज्यादा मामले पिछले साल 2022 में पाए गए थे। डेंगू के 1,136 संदिग्धों के रक्त परीक्षण किए गए थे। इनमें 264 मामलों की पुष्टि हुई है।
जिला मलेरिया रोग नियंत्रण अधिकारी मंजुनाथ ने जानकारी दी कि डेनवी-1, डेनवी-02, डेनवी-03 और डेनवी-03 इन चार में से किसी एक वायरस के कारण डेंगू बुखार होता है। एडीज मच्छर जनित रोग है। तेज बुखार, जोड़ों में दर्द और सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मतली और उल्टी, त्वचा पर खून के छींटे, गंभीर मामलों में मुंह, नाक और मसूड़ों से खून बहना डेंगू के लक्षण हैं।
उन्होंने कहा कि साफ पानी में भी डेंगू हो सकता है। इसके चलते सावधानी बरतनी चाहिए। घर में पानी की टंकियां, बैरल और सिंटेक्स को साफ किरना चाहिए और सप्ताह में कम से कम एक बार साफ कर, सुरक्षित तौर पर बंद करना चाहिए। साथ ही घर के आसपास पानी जमा नहीं होने देना चाहिए।
मलेरिया, चिकनगुनिया से रहें सावधान
डॉ. मंजुनाथ ने सुझाव दिया कि बरसात के मौसम में मलेरिया सहित संक्रामक रोगों के मामले बढऩे की संभावना है। इसलिए, घर के आस-पास पानी जमा न हो, मच्छरों के लिए प्रजनन स्थल न बने, एक स्वच्छ वातावरण बनाए रखने के बारे में हमें सुनिश्चित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 2022 में जिले में मलेरिया के 9 मामले पाए गए थे। इस साल अप्रेल के अंत तक नवलगुंद तालुक में एक और हुब्बल्ली शहर में एक सहित दो मामले सामने आए थे। साथ ही 2022 में चिकनगुनिया के 43 मामले सामने आए थे। इस साल अप्रेल तक चिकनगुनिया के 306 संदिग्धों की जांच की गई और 7 लोगों में यह बीमारी पाई गई थी।
डॉ. मंजुनाथ ने कहा कि डेंगू नियंत्रण के लिए जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई जागरूकता को कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। हर बुधवार और शुक्रवार को स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर से बड़े पैमाने पर लार्वा की जांच की जा रहा है। इस दौरान लोगों को संक्रामक रोगों से बचाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है। साथ ही स्वच्छ वातावरण बनाए रखने के लिए ग्राम पंचायत के कर्मचारियों की ओर से फॉगिंग कराई जा रही है।

ज्यादा सावधानी बरतें
बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों में डेंगू के गंभीर होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।
–डॉ. शशि पाटिल, स्वास्थ्य अधिकारी, जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, धारवाड़
मलेरिया : पिछले पांच वर्षों में
वर्ष – मामले
2018 – 25
2019 – 17
2020 – 08
2021 – 06
2022 – 09
डेंगू : पिछले पांच वर्षों में
वर्ष – मामले
2018 – 122
2019 – 250
2020 – 36
2021 – 123
2022 – 264