सिद्धरामय्या ने जताई नाराजगी
कलबुर्गी. मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हमारी सरकार कृष्णा अपर बैंक परियोजना, महादयी, मेकेदाटु सिंचाई परियोजनाओं के कार्यान्वयन में आने वाली समस्याओं पर चर्चा करने के लिए तैयार है परन्तु प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसके लिए समय नहीं दे रहे हैं। शहर में रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने कहा कि राज्य में भयंकर सूखा पड़ा है। ऐसे में तमिलनाडु के लिए पानी छोडऩे के लिए हम असमर्थ हैं। महादयी योजना के क्रियान्वयन के लिए राजपत्र में अधिसूचना जारी की गई है परन्तु गोवा राज्य के आपत्ति याचिका दायर करने से वन एवं पर्यावरण विभाग ने मंजूरी नहीं दी है। इसके चलते परियोजना क्रियान्वित नहीं हो पा रही है। कृष्णा अपर बैंक परियोजना के आलमट्टी बांध को ऊंचा करने के संबंध में कोई गजट अधिसूचना जारी नहीं की गई है। महादयी और कृष्णा ऊपरी तटबंध परियोजनाओं में तकनीकी बाधाएं दूर होने पर कल ही आवश्यक अनुदान उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं। राज्य में भाजपा के 25 सांसद हैं इसके बावजूद सिंचाई मुद्दे पर मोदी से बात नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में तमिलनाडु को 177.25 टीएमसी फीट पानी छोड़ना चाहिए। उस हिसाब से वर्तमान स्थिति में 99 टीएमसी फीट पानी छोड़ा जाना चाहिए था परन्तु अभी तक हमने केवल 37.7 टीएमसी पानी ही छोड़ा है। हमारे किसानों का हित हमारे लिए महत्वपूर्ण है। राज्य में सूखे की स्थिति है इसके चलते हम तमिलनाडु को रोजाना 5 हजार क्यूसेक पानी छोडऩे की सिफारिश पर सर्वोच्च न्यायालय में सवाल उठाएंगे।
भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य बी.एस. येडियुरप्पा की राज्य में भीषण सूखा पड़ने के बावजूद राज्य सरकार गहरी नींद में सो रही है कहकर की गई आलोचना का जवाब देते हुए सिद्धरामय्या ने कहा कि भाजपा ने 600 वादे किए हैं और उनमें से 10 फीसदी भी पूरे नहीं किए हैं। ऐसे में वे हमारी सरकार के खिलाफकिस नैतिकता से आलोचना कर रहे हैं?
उन्होंने गारंटी योजनाओं का बचाव करते हुए कहा कि शक्ति, गृहज्योति, गृहलक्ष्मी, अन्नभाग्य, युवानिधि परियोजनाएं क्या विकास परियोजनाएं नहीं हैं? हम सात किलो चावल दे रहे थे। यही येडियूरप्पा ने इसे घटाकर 5 किलो कर दिया था। 1.13 करोड़ महिलाओं को हर महीने 2 हजार देना क्या बचकानी बात है? अगर लोगों के पास पैसा है तो वे उसे खर्च करने के लिए बाजार जाते हैं। इससे मांग बढ़ेगी और उत्पादन गतिविधियां बढ़ेंगी।
संवाददाता सम्मेलन में जिले के प्रभारी मंत्री प्रियांक खरगे, केकेआरडीबी के अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह, विधायक एमवाई पाटील, अल्लमप्रभु पाटील उपस्थित थे।
चरणबद्ध तरीके से भरे जाएंगे रिक्त पद
सिद्धरामय्या ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मंत्री के.एन. राजन्ना ने तीन उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने की मांग को लेकर आलाकमान को पत्र लिखने की बात कही है। राज्य में पहले से ही एक उपमुख्यमंत्री हैं। राजन्ना ने आलाकमान से अनुरोध किया है, इसलिए आलाकमान ही इस पर फैसला करेगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने कल्याण कर्नाटक में 70 हजार खाली पद भरे हैं। बाकी पद चरणबद्ध तरीके से भरे जाएंगे। पिछली सरकार का नए विश्वविद्यालय खोलने का निर्णय सही निर्णय नहीं था। पुराने विश्वविद्यालयों के पास ही बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं।