सरकारी स्कूल छात्रों को जूते और मोजे का वितरण पूरा
उडुपी. दक्षिण कन्नड़ और उडुपी दोनों जिलों के 17 हाई स्कूलों को छोडक़र बकाया सभी सरकारी प्राथमिक और हाई स्कूलों के छात्रों को जूते और मोजे का वितरण पूरा हो चुका है। इस बार उडुपी के ज्यादातर स्कूलों ने छात्रों को जूते-मोजे की जगह सैंडल (चप्पल) बांटे, जबकि दक्षिण कन्नड़ में जूते-मोजे दिए गए।
शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में पाठ्यपुस्तकें, यूनिफॉर्म के साथ जूते-मोजे भी दिए जाने थे परन्तु राज्य सरकार से अनुदान मिलने में कुछ देरी हुई है। प्री प्राइमरी स्कूल के प्रति छात्र को 265 रुपए, उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रति छात्र को 295 रुपए और प्रत्येक हाई स्कूल छात्र के लिए 320 रुपए मूल्य के जूते, मोजे या सैंडल प्रदान करने के लिए सरकार ने अनुदान उपलब्ध किया है।
छात्रों के लिए प्राप्त अनुदान
उडुपी जिले के 571 प्राथमिक विद्यालयों के 41,523 छात्रों को जूते और मोजे वितरित करने के लिए 1,18,51,805 रुपए जारी किए गए था। इसमें से 1,15,54,710 रुपए रुपए खर्च हुए हैं 2,97,095 रुपए शेष बचे हैं। इसी तरह 105 उच्च विद्यालयों में से 99 उच्च विद्यालयों के 17,715 छात्र-छात्राओं के लिए जूते-मोजे की खरीदारी के लिए 56,32,650 रुपए का प्रस्ताव सौंपा गया था। सरकार ने 48,70,375 रुपए जारी किया है इस राशि में 99 विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को वितरित किया गया है। शेष 6 विद्यालयों के बच्चों को 7,62,275 रुपए वितरित करने की आवश्यकता है। इस बारे में विभाग को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है। अब तक प्राप्त कुल 1,67,22,180 रुपए में से 670 स्कूली बच्चों को सुविधाएं वितरित की जा चुकी हैं।
दक्षिण कन्नड़ जिले के 908 प्राथमिक विद्यालयों के 78,153 छात्र-छात्राओं को 2,19,82,735 रुपए के जूते-मोजे वितरित किए गए हैं। 170 उच्च विद्यालयों में से 153 उच्च विद्यालयों के 28,963 छात्र-छात्राओं को 61,71,410 रुपए के जूते-मोजे दिए गए हैं। 1061 विद्यालयों के 1,07,116 विद्यार्थियों को कुल 2,81,54,145 रुपए के जूते-मोजे वितरित किए गए हैं।
डिलीवरी कैसी है?
जूते-मोजे के वितरण का प्रबंधन विद्यालय विकास एवं पर्यवेक्षण समिति (एसडीएमसी) करेगी। हेडमास्टर इसमें शामिल होते हैं। अनुदान एसडीएमसी और स्कूल के संयुक्त खाते में जमा किया जाता है। एसडीएमसी बैठक कर सरकारी अनुदान के अनुसार स्थानीय स्तर पर ही खरीद कर वितरण करती है।
सैंडल वितरित किए हैं
अधिकांश सरकारी स्कूल के बच्चों को जूते-मोजे बांटे गए हैं। कुछ स्कूलों में, एसडीएमसी ने अभिभावकों की सहमति से संबंधित वातावरण के अनुसार सैंडल वितरित किए हैं। स्कूल की ओर से दी गई विशिष्ट लागत में ही देने के हमने निर्देश दिया है।
– के. गणपति और दयानंद आर. नायक, डीडीपीआई, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, उडुपी, और दक्षिण कन्नड़ जिला