आज से शुरू होगा मेला
हुब्बल्ली. साल में एक बार दिवाली के त्योहार पर गर्भगृह का दरवाजा खोला जाता है और देवी होलेयम्मा (होलेम्मा) के दर्शन होते हैं, देवी के दरबार में बिजली कनेक्शन के बिना तेल के दीपक में ही देवी चमकती है। यह कलघटगी तालुक के तबकदहोन्नल्ली गांव के मंदिर की खासियत है। खास बात यह है कि भक्तों की मनोकामना पूरी करने वाली देवी के दर्शन के लिए आसपास के गांवों से हजारों श्रद्धालु आते हैं।

हर महीने की अमावस्या को यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं। खास बात यह है कि दिवाली पर ही दर्शन देने वाली देवी का मेला भी केवल उसी दिन लगता है।यहां बच्चों और शादी के सौभाग्य के लिए मनोकामना की जाती है जो यहां की खासियत है। इसके लिए, वे कंगन बांधना, नारियल, फल, चीनी, फूल का तुलाभार, दीर्घ दंडवत, झील का पानी डालना, हथियार पार करना, उपवास करना जैसे विभिन्न अनुष्ठानों में संलग्न होते हैं।

सोमवार से शुरू होगा मेला

मंदिर के पुजारी बसप्पा देवरमनी ने बताया कि नरक चतुर्दशी पर रविवार की सुबह ब्राह्मी महूर्त में विशेष पूजा के साथ गर्भगृह खोला गया। मेला सोमवार से शुरू हो रहा है। सोमवार को दिवाली अमावस्या और मंगलवार को पंड्या को खाद्य तेल के दीपक जलाकर कार्तिक मनाते हैं। उस दिन, रात्रि 2 से सुबह 5 बजे तक, विभिन्न संगीत समूहों के साथ ढोल गीत प्रस्तुत किए जाते हैं।

दर्शन के लिए विभिन्न हिस्सों से आते हैं श्रद्धालु

उन्होंने बताया कि आने वाले श्रध्दालुओं के लिए अन्न प्रसादी की व्यवस्था की जाती है। 15 नवंबर को दोपहर के समय गर्भगृह का द्वार बंद कर दिया जाता है और इसके साथ ही मेला समाप्त हो जाता है। होलेम्मा देवी अगले दिवाली उत्सव में फिर नजर आएंगी। इसलिए देवी के दर्शन के लिए विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु आते हैं।

केवल खाद्य तेल का दीपक जलाया जाता है
हर साल हजारों श्रध्दालु देवी के दर्शन के लिए आते हैं और सभी को विश्वास है कि होलेम्मा देवी उनकी की मनोकामनाएं पूरी करेगी। के देवी के मंदिर में केवल खाद्य तेल का दीपक जलाया जाता है।

गुरुसिद्धय्या कटनूरमठ, ग्राम पंचायत सदस्य, तबकदहोन्नल्ली ग्राम पंचायत

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