कलबुर्गी अधिक, यदागिरि, उडुपी में कम
“कैंसर स्क्रीनिंग” सेवा कर रहा उपचार में मदद
हुब्बल्ली. महिलाओं में स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, राज्य के सरकारी अस्पतालों में शुरू की गई “कैंसर स्क्रीनिंग” सेवा ने प्रारंभिक चरण के कैंसर से पीडि़त 4,403 महिलाओं की पहचान कर उन्हें आवश्यक उपचार प्रदान करने में मदद की है।
कैंसर 50 फीसदी बढऩे के बाद ही मरीज डॉक्टर से संपर्क करते हैं। इसके कारण इलाज पर प्रतिक्रिया व्यक्त किए बिना ही मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। इस बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए जिला अस्पताल, तालुक, प्राथमिक और निचले स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों में 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए कैंसर की जांच शुरू की गई है। यदि जांच के दौरान कैंसर (अल्सर रोग) के लक्षण दिखाई देने पर उन्हें स्त्री रोग विशेषज्ञों या तीसरे चरण के उपचार के लिए जरूरी अस्पतालों को रेफर किया जाता हैै। इससे प्रारंभिक चरण में ही इलाज के जरिए कैंसर के प्रसार को कम किया जा रहा है।
78 लाख महिलाओं की स्क्रीनिंग
स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में 30 साल से अधिक उम्र की 1.12 करोड़ महिलाओं की स्क्रीनिंग करने का निर्णय लिया है। अब तक 78 लाख महिलाओं की कैंसर जांच हो चुकी है। इस दौरान, प्रारंभिक चरण के कैंसर वाली 4,403 रोगियों का पता लगाकर उन्हें अतिरिक्त उपचार के लिए तीसरे चरण के अस्पतालों के लिए रेफर किया गया है।
जिलेवार सूची में कलबुर्गी शीर्ष पर
स्क्रीनिंग के दौरान सबसे अधिक कैंसर के मामलों की रिपोर्ट के साथ कलबुर्गी जिलेवार सूची में शीर्ष पर है। यहां पहले चरण के कैंसर से पीडि़त 2,320 महिलाओं की पहचान की गई है। चिक्कमगलूरु, हासन और तुमकूर जिलों ने अगला स्थान हासिल किया है। यादगिरी और उडुपी जिले को आखिरी स्थान मिला है।
कारण क्या है?
अध्ययनों से पता चला है कि आधुनिक जीवनशैली के कारण महिलाओं में मोटापे की दर बढ़ रही है। इससे हार्मोन में फर्क नजर आ रहा है। वसा कोशिकाओं में एस्ट्रोजेन के उत्पादन में वृद्धि और बच्चे को दूध नहीं पिलाने, हार्मोन की गोलियों के सेवन से स्तन और गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर हो रहा है।
एक वर्ष में 87,400 कैंसर के मामलों की पुष्टि
राज्य में स्वास्थ्य केंद्रों को छोडकऱ, पिछले एक साल में कुल 87,400 लोगों में कैंसर की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही कर्नाटक में कैंसर पीडि़तों की संख्या बढकऱ 2.4 लाख हो गई है। रिपोर्ट किए गए कैंसर के कुल मामलों में से 22,000 मामले स्तन कैंसर से संबंधित हैं। किदवई इंस्टीट्यूट में 6,380 पुरुष और 8,350 महिला कैंसर मरीज हैं। पुरुषों में 14 प्रतिशत फेफड़े और महिलाओं में 30.7 प्रतिशत स्तन कैंसर की रिपोर्ट दर्ज की गई है।
जांच, मुफ्त इलाज के लिए रेफर कर रहा एनसीडी
शुरुआती चरण में पता लगाकर इलाज किया जाए तो कैंसर को ठीक किया जा सकता है। इस संबंध में एनसीडी (नॉन कम्युनिकेबल डिजीज डिवीजन) खासकर स्वास्थ्य विभाग 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं की पहचान कर उन्हें कैंसर की जांच और मुफ्त इलाज के लिए रेफर कर रहा है।
–डॉ. श्रीनिवास, उप निदेशक, एनसीडी, स्वास्थ्य विभाग