शिवमोग्गा. जिले के पहाड़ी हिस्से में बंदर रोग (मंकी फीवर केएफडी) बढ़ गया है। पिछले 24 घंटों में होसनगर और तीर्थहल्ली तालुक के 13 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ) राजेश सुरगिहल्ली ने बताया कि होसनगर तालुक के मारुतिपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकार क्षेत्र में मारुतिपुर, मलवल्ली, होस्केरे, केशवपुर, विजयपुर, माविनहोले के 8 और संपेकट्टे के दो लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इन सभी को सागर के संभागीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तीर्थहल्ली तालुक के मालूर, गुड्डेकोप्पा और एडबट्टी से एक-एक व्यक्ति संक्रमित हुआ है। उनका इलाज तालुक अस्पताल में चल रहा है। सभी का स्वास्थ्य स्थिर है। संपेकट्टे का एक 72 वर्षीय व्यक्ति किडनी की समस्या से पीडि़त है। उनका इलाज गहन चिकित्सा इकाई में किया जा रहा है।
विधायक ने किया अस्पताल का दौरा
सागर के सरकारी अस्पताल में संक्रमण का इलाज करा रहे लोगों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हासिल करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधायक गोपालकृष्ण बेलूर ने कहा कि बंदर रोग (केएफडी) से संबंधित इलाज के लिए सागर के सरकारी अस्पताल में 8 मरीजों को भर्ती कराया गया है।
उन्होंने कहा कि होसनगर तालुक के मारुतिपुर और निट्टूर भाग के मरीजों को साहर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह बीमारी सागर तालुक से सटे हुए उत्तर कन्नड़ जिले के सिद्धापुर तालुक में भी सामने आई है। वहां के मरीज भी इलाज के लिए यहां के सरकारी अस्पताल में आ रहे हैं। डॉक्टरों को मरीजों को जरूरी इलाज देने का निर्देश दिया गया है।
विधायक गोपालकृष्ण ने कहा कि बंदर रोग सामने आने मात्र से डरने की जरूरत नहीं है। अगर समय रहते इलाज कराया जाए तो बीमारी ठीक हो सकती है। जरूरत पडऩे पर यहां के मरीजों को तुरंत मणिपाल के अस्पताल भेजा जाएगा। वहां मुफ्त इलाज की व्यवस्था की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में, तालुक के अरलगोडु पंचायत और भारंगी होबली (राजस्व केंद्र) के कुछ गांवों में यह बीमारी व्यापक रूप से देखी गई थी। जब किसी वन क्षेत्र में कोई बंदर मर जाता है तो उसके गोबर से यह बीमारी फैलती है। इसलिए वन क्षेत्र में जाने वाले ग्रामीणों को सावधान रहने के निर्देश दिए गए हैं।
गोपालकृष्ण ने कहा कि केएफडी से संबंधित अनुसंधान केंद्र खोलने की मांग कई वर्षों से की जा रही है। विधानसभा के अगले सत्र में इस संबंध में सरकार का ध्यान आकर्षित किया जाएगा।
अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉ. परप्पा, नगर परिषद सदस्य गणपति मंडगळले, जयकुमार और फणींद्र मौजूद थे।