एसपी डॉ. भीमा शंकर गुलेद ने दी जानकारी
बेलगावी. जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. भीमा शंकर गुलेद ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से ज्ञात है कि हावेरी जिले के येलगच्चु गांव के बसवराज वेंकट की मौत भूख से नहीं हुई। उनके साथ जो शांतव्वा थीं वो भी उनकी मां नहीं है। बसवराज के असली माता-पिता को बुलाकर पूछताछ की जा रही है।
शहर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए गुलेद ने कहा कि बसवराज और शांताव्वा पिछले 14 साल से साथ मिलकर काम कर रहे थे। वे मजदूरी करने के लिए गोवा, बेंगलूरु और अन्य जगहों पर जाते थे। 31 जनवरी को बसवराज का शव खानापुर तालुक में लिंगनमठ के पास मिला था। वहां मिले मोबाइल फोन से महिला ने किसी और के मोबाइल फोन से कॉल की थी। नंदगढ़ पुलिस ने मोबाइल कॉल की जांच की तो पूरा मामला सामने आ गया। पुलिस ने ही स्थानीय लोगों की मदद से बसवराज का अंतिम संस्कार किया है।
बसवराज ने की आत्महत्या
उन्होंने कहा कि ट्रेन से गोवा से हुब्बल्ली आते समय बसवराज और शांतव्वा को उल्टी होने पर ट्रेन से उतार दिया गया था। शांतव्वा को अलनावर में छोडकऱ गए बसवराज ने आत्महत्या कर ली। महिला ने शुरुआती जांच में यह भी स्वीकार किया कि बसवराज उसका बेटा नहीं है। जब उससे पूछा गया कि बसवराज के माता-पिता कौन हैं, तो उसने भगवान का नाम बताया। यह एक संदिग्ध मामला है, इसकी जांच जारी है।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में गुलेद ने कहा कि जांच पूरी होने से पहले इन दोनों को मां-बेटे होने के निष्कर्ष पर पहुंचे खानापुर के एनजीओ को नोटिस जारी किया गया है।