कलबुर्गी और करावली में दर्जनों उपहार
हुब्बल्ली. दसियों चुनौतियां.. सैकड़ों उम्मीदों के बीच मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने बजट पेश किया है। जिलों को अनुदान भी नाप-तौल बांटा है। खासतौर पर अपने गृह जिले मैसूर के लिए उन्होंने काफी उपहार दिए गए हंै। उन्होंने कलबुर्गी और करावली (तटीय) में भी दर्जनों उपहार दिए हैं।
मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने शुक्रवार को साल 2024-25 के लिए कुल 3.71 लाख करोड़ रुपए का एक बड़ा बजट (कर्नाटक बजट 2024) पेश किया है। कृषि, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य और पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों को अनुदान आवंटित किया गया है। इस बजट में कुछ नई घोषणाएं की गई हैं। वहीं किस जिले को क्या दिया गया है, इस पर नजर डालें तो इस बजट में सिद्धरामय्या ने अपने गृहनगर मैसूर को काफी अनुदान दिया है। मलेनाडु, मुंबई कर्नाटक और कल्याण कर्नाटक के जिलों को क्या दिया गया है उसका विवरण इस प्रकार है।
तटीय दक्षिण कन्नड़ को क्या दिया?
मेंगलूरु बंदरगाह से बेंगलूरु और बीदर से बेंगलूरु बीच आर्थिक विकास गलियारे के निर्माण की कार्रवाई।
पुराने मेंगलूरु, कारवार और राज्य के 11 छोटे बंदरगाहों में ड्रेजिंग (गाद हटाने) कार्य शुरू करने की कार्रवाई।
पुराने मेंगलूरु बंदरगाह में 350 मीटर लंबे तटीय बर्थ का निर्माण 2024-25 में पूरा करने की कार्रवाई।
मेंगलूरु में गुरुपुर और नेत्रावती नदियों में जलमेट्रो सेवाओं की शुरूआत के लिए व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करने की कार्रवाई, द्वीपों के व्यापक विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार करने की कार्रवाई।
मेंगलूरु में 35 करोड़ रुपए की लागत पर अत्याधुनिक कृषि परिसर की स्थापना।
पुत्तूर में पशु चिकित्सा महाविद्यालय शुरू करने की कार्रवाई की गई।
मेंगलूरु में हज भवन के निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपए धन।
मलेनाडु का मुख्यद्वार शिवमोग्गा को क्या मिला ?
शिवमोग्गा के सोगाने, विजयपुर के इट्टंगिहाल और बेंगलूरु ग्रामीण के पुजेनहल्ली में फूड पार्क की स्थापना।
शिवमोग्गा जिले में 100 करोड़ रुपए की लागत से नई उच्च सुरक्षा जेल का निर्माण।
कॉफी क्षेत्र चिक्कमगलूर
सार्वजनिक निजी भागीदारी में चिक्कमगलूर जिले में स्पाइस पार्क का विकास।
विजयपुर
विजयपुर जिले के आलमेल में बागवानी महाविद्यालय की स्थापना।
विजयपुर के इट्टंगिहाल में फूड पार्क का निर्माण।
रायचूर
कुल 130 करोड़ रुपए की लागत में 7 कोल्ड स्टोरेज का निर्माण।
रायचूर और राणेबेन्नूर में सूखी मिर्च बाजार शुरू।
मस्की तालुक में 998 करोड़ रुपए की लागत से सिंचाई सुविधा।
ह्यूमन मिल्क बैंक की स्थापना।
कोप्पल
कोप्पल जिले के नवली के पास संतुलन जलाशय निर्माण परियोजना की 15,600 करोड़ रुपए की राशि पर एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर परियोजना के कार्यान्वयन के संबंध में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों के साथ परामर्श शुरू।
अंजनाद्रि पहाड़ी के विकास के लिए 100 करोड़ रुपए का अनुदान।
हुलिगेम्मा मंदिर विकास के लिए अलग प्राधिकरण
यलबुर्गा-कुकनूर तालुक में 970 करोड़ रुपए की लागत से 38 झीलें भरने की परियोजना।
धारवाड़
धारवाड़ में वाल्मी संस्थान को जल प्रबंधन में उत्कृष्टता केंद्र के रूप में उन्नत करने की कार्रवाई।
धारवाड़ जिले के बेण्णेहल्ला से बाढ़ प्रभावित गांवों के लिए अवरोध का निर्माण।
कलबुर्गी
कलबुर्गी शहर में पेयजल आपूर्ति के लिए भीमा और कागिना नदियों से बेण्णेतोरा जलाशय में पानी भरने के लिए 365 करोड़ रुपए की योजना का कार्यान्वयन।
कलबुर्गी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बाल स्वास्थ्य इकाई की स्थापना।
कलबुर्गी के केजीटीटीआई में 16 करोड़ रुपए की लागत में सीएनसी (कंप्यूटर संख्यात्मक नियंत्रण) मशीन को केंद्रित करने वाले पहले उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना।
कलबुर्गी, शिवमोग्गा, हुब्बल्ली और तुमकूर में कुल मिलाकर 12 करोड़ रुपए की लागत पर उभरती प्रौद्योगिकियों में कौशल एवं नवाचार केंद्र की स्थापना।
कलबुर्गी में वचन मंडप की स्थापना के लिए कार्रवाई।
तलकल में बहु कौशल विकास केंद्रों की स्थापना।
बल्लारी
बल्लारी जिले के संडूर में कौशल अकादमी की स्थापना।
बल्लारी, कलबुर्गी, तलकल और मैसूर के वरुणा में 350 करोड़ रुपए की लागत से जीटीटीसी बहु कौशल विकास केन्द्रों की स्थापना।
बल्लारी, चित्रदुर्ग, रोण में कुल 150 करोड़ रुपए की लागत पर नए जीटीटीसी का शुभारंभ।
बेलगावी
बेलगावी शहर की सीमा में 450 करोड़ रुपए लागत पर 4.50 किमी लम्बे एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण की कार्यवाही।
उत्तर कन्नड़
उत्तर कन्नड़ जिले के केणी में नया गहरे समुद्र में सभी मौसम में चलने वाला बंदरगाह, पाविनकुरवे में पीपीपी मॉडल में दूसरे मेगा पोर्ट के विकास की कार्यवाही।
कारवार, मलपे और ओल्ड मेंगलूरु बंदरगाहों पर चार बर्थ का विकास।
बीदर
बीदर और विजयपुर में करेज नामक प्राचीन जल आपूर्ति प्रणाली के पुनरुद्धार के लिए 15 करोड़ रुपए की सहायता।
बीदर जिले के होन्निकेरी आरक्षित वन और अन्य जैव विविधता क्षेत्रों में पर्यावरण-पर्यटन और संरक्षण कार्यक्रमों के लिए 15 करोड़ रुपए अनुदान।
बीदर और विजयपुर जिलों में नए जिला प्रशासन कार्यालय और आवश्यक तालुकों में तालुक प्रशासन कार्यालय का निर्माण।