आखिरकार शिवकुमार और सतीश एक साथ आए नजरबेलगावी में 21 जनवरी को आयोजित जय बापू, जय भीम और जय संविधान सम्मेलन के चलते सीपीईडी मैदान में बनाए गए विशाल मंच की अंतिम तैयारियों का निरीक्षण करते हुए उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, मंत्री सतीश जारकीहोली, जमीर अहमद खान, एमसी सुधाकर।

बेलगावी. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और जिला प्रभारी मंत्री सतीश जारकीहोली आखिरकार आमने-सामने आ गए। तीन दिनों से शहर में होने पर फिर भी उन्होंने एक-दूसरे के चेहरे नहीं देखे थे। गांधी भारत सम्मेलन नजदीक आते ही उन्होंने उनके बीच कोई मतभेद नहीं है इस संदेश को देने की कोशिश की है।
दोनों नेताओं के बीच एक-दो नहीं, बल्कि कई विरोधाभास बार-बार उठते रहते हैं। यह अब कोई रहस्य नहीं है कि दोनों नेताओं के बीच केपीसीसी अध्यक्ष पद के लिए घमासान चल रही है। डीके शिवकुमार अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए प्रयासरत हैं।
सतीश जारकीहोली अध्यक्ष पद संभाल सकते हैं यह संदेश उनके करीबी सहयोगियों के माध्यम से फैला रहे हैं। भावी मुख्यमंत्री की गद्दी के लिए भी इसी तरह की रस्साकशी चल रही है।
विधायक रमेश जारकीहोली ने सीधे तौर पर डीके शिवकुमार पर बेलगावी की राजनीति पर नियंत्रण हासिल करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। बेंगलूरु में आयोजित कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी इसी मुद्दे पर चर्चा हुई थी।
डीके शिवकुमार ने कहा था कि बेलगावी में कांग्रेस भवन का निर्माण मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने कराया है। मंत्री सतीश ने इसका सीधा विरोध करते हुए कहा था कि बार बार वे अकेली ही निर्माण किया है क्यों कहते हैं? हमने भी पैसा निवेश किया है। हमने कड़ी मेहनत की है। जिले के वरिष्ठ नेताओं ने भी काम किया है। भवन के क्रेडिट को लेकर उठा विवाद बेलगावी तक जारी रहा।

मंत्री की जानकारी के बिना चल रहा काम
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शिवकुमार ने 300 करोड़ रुपए की लागत से हिडकल जलाशय से हुब्बल्ली-धारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र को पानी की आपूर्ति करने की परियोजना को मंजूरी दी है। उनके पास ही जल संसाधन विभाग रहना इसका कारण है परन्तु जिले के प्रभारी मंत्री सतीश को इस बात की बुनियादी जानकारी भी नहीं थी कि उनके जिले में ऐसा काम हो रहा है! इस निर्णय से सतीश और ज्यादा नाराज हो गए।
उनके भाई रमेश जारकीहोली ने खुले तौर पर सलाह दी है कि अगर सतीश उग्र रुख नहीं अपनाएंगे तो वे बच नहीं पाएंगे।
हाल ही में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ हुई बैठक में भी सतीश के करीबियों ने नेताओं को खरी-खोटी सुनाई और वे आश्चर्यचकित रह गए।

गांधी भारत, सतीश को नहीं प्राथमिकता

वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि डीके शिवकुमार ने ही गांधी भारत कार्यक्रम की पूरी जिम्मेदारी ली थी। सतीश को 26-27 दिसंबर को आयोजित शताब्दी समारोह कार्यक्रम की स्वागत समिति का अध्यक्ष बनाया जाना था परन्तु यह पद मंत्री एचके पाटिल को दे दिया गया। इन सबके बीच जय बापू, जय भीम, जय संविधान सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इसमें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और सोनिया गांधी सहित सभी राष्ट्रीय नेता उपस्थित रहेंगे। इस दौरान दोनों नेताओं को जनता के सामने अपने संबंधों को सुधारने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इसीलिए वे लोगों के सामने मित्र बनने का ढोंग कर रहे हैं।
दोनों संवाददाता सम्मेलन आए और मीडिया के सामने पोज दिया।
शहर में 21 जनवरी को आयोजित जय बापू, जय भीम और जय संविधान सम्मेलन के चलते सीपीईडी मैदान में बनाए गए विशाल मंच की अंतिम तैयारियों का निरीक्षण करते हुए दोनों ने हाथ मिलाया और एक साथ बैठकर जय बापू, जय भीम और जय संविधान सम्मेलन का वीडियो टीजर देखा।
इस अवसर पर मंत्री जमीर अहमद खान, एमसी सुधाकर, पूर्व सांसद डीके सुरेश और अन्य उपस्थित थे।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *