हुब्बल्ली. वरिष्ठ न्यायाधीश बीएम श्यामप्रसाद ने कहा कि देश में गरीबी, बेरोजगारी, असमानता जैसी समस्याएं हैं। समस्याओं के समाधान के लिए सभी को कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
उच्च न्यायालय की धारवाड़ पीठ में रविवार को आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह को संबोधित करते हुए न्यायाधीश श्यामप्रसाद ने कहा कि संपत्ति का समान वितरण नहीं हुआ है। देश का विकास अपेक्षित ऊंचाइयों तक नहीं पहुंच पाया है। हमें सार्वजनिक जीवन में शुध्दता बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए। घरों और सडक़ों को साफ करना ही पर्याप्त नहीं है। आंतरिक संस्थाएं और सामाजिक संस्थाएं भ्रष्टाचार और निहित स्वार्थों से मुक्त होकर पवित्रता, शांति और सद्भाव हर जगह कायम रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ का मंत्र निहित है। संविधान भारत को एक स्वतंत्र लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है। सच्चे अर्थों में, प्रजा ही स्वामी है। एक आदर्श राज्य का विचार इसके भीतर निहित है।
इस अवसर पर न्यायमूर्ति अशोक एस. किणगी, हेमंत चंदनगौडर, रवि होसमनी, हंचाटे संजीवकुमार, उमेश अडिग, रामचंद्र हुद्दार, उच्च न्यायालय के अधिकारी शांतवीर शिवप्पा, जेआर मेंडोंस्सर आदि उपस्थित थे।