अचानक स्वास्थ्य बिगडऩे से हुई मौत
बेलगावी. राज्य में गर्भवती महिलाओं की मौत का सिलसिला जारी है। चिकित्सा लापरवाही, स्वास्थ्य में भारी परिवर्तन और उचित उपचार के अभाव के कारण मौतें हो रही हैं। सरकार ने इस ओर ध्यान दिया है, परन्तु इसका क्रियान्वयन प्रभावी रूप से नहीं हो पाया है।
बेलगावी के बिम्स अस्पताल में एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। मृतक महिला की पहचान बेलगावी तालुक के करडीगुद्दी गांव की गंगव्वा गोडकुंदरी के तौर पर की गई है। गंगव्वा को 28 जनवरी को बिम्स में भर्ती कराया गया था। 30 जनवरी की रात को प्रस्व हुआ। डॉक्टरों ने 31 जनवरी को परिवार को बताया था कि गंगव्वा का रक्तचाप कम होने से हालत गंभीर है। इसके कुछ ही समय बाद उनकी मृत्यु हो गई।

डॉक्टरों के खिलाफ परिजनों का गुस्सा
आरोप लगाए जा रहे हैं कि डॉक्टर के खिलाफ परिजनों का गुस्सा बढ़ते ही हालात के बेकाबू होने के डर से डॉक्टरों ने एक खाली कागज पर हस्ताक्षर करवाकर शव भेज दिया। मृतक महिला के भाई शंकरप्पा ने आरोप लगाया कि उसकी बहन की तबीयत खराब होने पर अगर उसका सही तरीके से इलाज किया गया होता तो वह बच जाती।
बेलगावी के एपीएमसी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।
बिम्स के निदेशक ने बताया कि गंगव्वा को उस समय अस्पताल में भर्ती कराया गया जब उनकी हालत बहुत अधिक जोखिम वाली थी। इसके चलते, उसके परिजनों को पहले से सूचित करने के बाद ही प्रसव कराया गया। इसके बाद भी गंगव्वा की इलाज के दौरान मौत हो गई।
आरोप है कि बेलगावी जिले में जच्चा मृत्यु के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले वर्ष 29 जच्चा मृत्यु और 322 शिशुओं की मृत्यु हुई है। समय पर उपचार न मिलने, रक्तस्राव और चिकित्सकीय लापरवाही जैसे कारणों से जच्चाओं की मृत्यु हुई है।

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