आंख मूंदे बैठे अधिकारी
बेतरतीब चलते हैं ट्रैक्टर
जान के भय में जी रहे ग्रामीण
हुब्बल्ली. कुंदगोल तालुक के कुछ गांवों में नहर की रेत का अवैध परिवहन बड़े पैमाने पर हो रहा है, और अधिकारी चतुराई से अंधेपन का परिचय दे रहे हैं।
विधायक के गांव यरगुप्पी सहित आसपास के गांवों रोट्टीगवाड़, कोडलीवाड़ और बरद्वाड़ में नहर की रेत को एकत्र कर ट्रैक्टर से बेचा जा रहा है। अनुमान है कि प्रतिदिन 100 ट्रैक्टर रेत का अवैध परिवहन किया जा रहा है।
प्रति ट्रिप 3,000 से 4,000 रुपए में बेचा जा रहा है
रोट्टीगवाड़ गांव से कोलीवाड गांव तक जाने वाली सडक़ के बगल में खेत के रास्ते से होकर जाकर नहर में ट्रैक्टरों में रेत एकत्र कर नहर के किनारे और मुख्य सडक़ के किनारे सैकड़ों ट्रैक्टरों में रेत का भंडारण किया जाता है। गांव के कुछ हिस्सों में दिन-रात रेत एकत्र की जा रही है और फिर उसे 3,000 से 4,000 रुपए प्रति ट्रिप बेचा जा रहा है।
ध्यान नहीं दे रहे अधिकारी
ग्रामीणों का आरोप है कि भीतरी सडक़ पर रेत ले जाने से रेत सडक़ पर फैल जाती है, जिससे अन्य वाहन चालकों के लिए खतरा पैदा हो सकता है। इसके अलावा, जल्दबाजी में चलने वाले ट्रैक्टर भी अनियमित रूप से चल रहे हैं, जिससे इस क्षेत्र के लोग अपनी जान के भय में जी रहे हैं। इतना सब होने के बाद भी संबंधित विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
ग्रामीणों ने सारी जानकारी देकर अपनी चिंताएं व्यक्त करने के बाद भी अपना नाम बताने में ढर के चलते हिचकिचा रहे हैं।
पल्ला झाड़ते अधिकारी
कोई भी प्रकृति की गोद को खोदने पर भी पूछने वाला कोई नहीं होने के कारण इस क्षेत्र के गांव पहले से ही पानी की समस्या, मिट्टी के कटाव और घटते भूजल स्तर का सामना कर रहे हैं। जब संबंधित अधिकारियों से इस बारे में पूछने पर उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसकी जांच की जाएगी।
संज्ञान में नहीं आई है
ग्रामीण क्षेत्र में नहर से अवैध रूप से रेत निकालकर ले जाने की बात संज्ञान में नहीं आई है। अधिकारियों को भेजकर निरीक्षण कराया जाएगा।
–उमेश बगरी, अधिकारी, खान एवं भूविज्ञान विभाग, धारवाड़
कार्रवाई की जाएगी
तालुका में जहां अवैध रेत खनन हो रहा है उस स्थान का दौरा कर निरीक्षण किया जाएगा। गैरकानूनी कार्य करने वालों के खिलाफ ।
–राजू मावरकर, तहसीलदार, कुंदगोल
बीट व्यवस्था की जाएगी
यह मामला खान एवं भूविज्ञान विभाग से संबंधित है। संबंधित विभाग के अधिकारियों की ओर से निर्देश दिए जाने पर समीक्षा के लिए बीट व्यवस्था की जाएगी।
–शिवानंद अम्बिगेर, सीपीआई कुंदगोल